प्रेमानंद जी महाराज को लगभग सभी लोग जानते हैं, बड़े लोगों से लेकर बच्चे तक को उनका प्रवचन सुनना बेहद पसंद होता है। सोशल मीडिया पर भी आए दिन प्रेमानंद जी महाराज की कोई ना कोई वीडियो वायरल होते रहते हैं, जो लोग प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन में नहीं पहुँच पाते हैं वे लोग घर बैठकर घंटो घंटों तक उनके प्रवचन मोबाइल में सुनते हैं।
उनकी एक झलक और आशीर्वाद पाने के देश विदेश से लोग आते हैं, सभी लोगों को अपनी मन में चल रही उलझनों का समाधान मिलता है। प्रेमानंद जी महाराज के मार्ग पर चलकर बहुत लोगों ने अपने जीवन को सुखमय बनाया है। करोड़ों भक्तों ने सोशल मीडिया पर फ़ॉलो करते हैं। प्रेमानंद जी महाराज सभी की परेशानियों का समाधान बड़े ही सरल भाव से देते हैं, किसी का कोई भी सवाल क्यों न हो, प्रेमानंद जी महाराज सभी को बड़े ही विनम्र तरीक़े से जवाब देते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज का जन्मोत्सव (Premanand Ji Maharaj)
आपको बता दें, मार्च के महीने में प्रेमानंद जी महाराज का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जिसको लेकर श्रद्धालुओं में अलग ही उत्साह नज़र आता है, बहुत लोग यह जानना चाहते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज का जन्मोत्सव कब कहाँ और कैसे मनाया जाएगा, अगर आप भी जानना चाहते हैं तो ज़रिए इस आर्टिकल के ज़रिए जान लेते हैं।
6 दिनों तक चलेगा जन्मोत्सव
आपको बता दें प्रेमानंद जी महाराज का जन्मोत्सव अब 25 मार्च से 30 मार्च तक चलेगा। यानी छह दिनों तक प्रेमानंद जी महाराज का जन्मदिन मनाया जाएगा। यह भव्य आयोजन से राधा कलिकुंज में होगा, जहाँ हज़ारों श्रद्धालु पावन अवसर पर उपस्थित होंगे। महाराज जी के जन्मोत्सव के दौरान कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति का स्रोत है।
जन्मोत्सव के दौरान विशेष आयोजन
प्रेमानंद जी महाराज के जन्मोत्सव के दौरान भक्ति गीतों और भजनों के माध्यम से ईश्वर की स्तुति की जाएगी। भक्तों को श्रीजी के झूले के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। संध्या के समय वाणी पाठ का आयोजन किया जाएगा, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति का स्रोत होगा। सुबह और शाम आरती का आयोजन किया जाएगा जिसमें भक्त ईश्वर की आराधना में लीन रहेंगे। श्रीजी का श्रृंगार करके उनकी आरती उतारी जाएगी। राधा नाम के कीर्तन से भागती का माहौल बनाया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए ख़ास व्यवस्था
प्रेमानंद जी महाराज के जन्मोत्सव का यह भव्य आयोजन पूरे छह दिनों तक चलेगा, जिसमें न सिर्फ़ देश बल्कि विदेश के हज़ारों श्रद्धालु भाग लेने के लिए उपस्थित रहेंगे। महाराजा के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए आयोजन समिति ने ख़ास व्यवस्था की योजना बनायी है। जिससे के किसी भी श्रद्धालुओं को परेशानी न झेलनी पड़े।
पहले दिन वृंदावन से सटे क्षेत्रों जैसे की गोवर्धन, ब्रज, मथुरा, आगरा, बरसाना और अलीगढ़ के श्रद्धालुओं को दर्शन का अवसर मिलेगा। दूसरे दिन उत्तर प्रदेश के अन्य ज़िलों के शिष्य महाराज जी के चरणों में हाज़िरी लगाएंगे। फिर तीसरे दिन दिल्ली, NCR, नोएडा, गुरुग्राम और पंजाब के श्रद्धालु महाराज जी के दर्शन का लाभ ले पाएंगे। चौथे दिन दक्षिण और उत्तर पूर्व भारत के भक्तों के लिए विशेष दिन रहेगा जिसमें केरल, उत्तराखंड, असम, तेलंगाना, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, बिहार और गुजरात के श्रद्धालु महाराज जी के दर्शन करने पहुँचे। पांचवें दिन ओडिशा, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं को महाराज जी का दर्शन मिलेगा।