प्रेमानंद जी महाराज ने बताया, इन 3 चीजों का घमंड कभी न करें, वरना पछताना पड़ेगा

प्रेमानंद जी महाराज का जीवन हमें आत्मिक उन्नति और सही मार्ग पर चलने की दिशा दिखाता है. वे हमेशा हमें ऐसी गलतियों से बचने की सलाह देते हैं, जो हमें जीवन में पछताने का कारण बन सकती हैं.

Bhawna Choubey
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प्रेमानंद जी महाराज को कौन नहीं जानता. बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक उन्हें अच्छे से जानते हैं. सोशल मीडिया पर उनकी वीडियो काफ़ी वायरल होती रहती है और लोग दूर दूर से उनके दर्शन के लिए आते हैं.

उनके पास लोग सिर्फ़ आध्यात्मिक सवाल नहीं बल्कि ज़िंदगी से जुड़े कई छोटे से बड़े सवाल लेकर आते हैं. या ये कहूँ, कि लोग अपने मन में चल रही उलझनों को सुलझाने के लिए प्रेमानंद जी महाराज के पास आते हैं.

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प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj)

प्रेमानंद जी महाराज बड़े शांत और धैर्य से सभी के सवालों का जवाब देते हैं. एक बार उन्होंने अपने प्रवचन के दौरान बताया कि कभी भी किसी भी इंसान को इन तीन चीज़ों का घमंड कभी नहीं करना चाहिए, जो लोग इन चीज़ों का घमंड करते हैं उन्हें बाद में पछताना पड़ता है. चलिए इस आर्टिकल में समझते हैं कि वे कौन कौन सी तीन चीज़ें हैं जिनका घमंड किसी को नहीं करना चाहिए.

पढ़ाई लिखाई का घमंड

प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि चाहे कोई व्यक्ति कितना भी पढ़ा लिखा हो, उसे कभी अपनी शिक्षा पर घमंड नहीं करना चाहिए. जो व्यक्ति अपनी शिक्षा पर घमंड करता है उसकी पूरी शिक्षा व्यर्थ हो जाती है. उनका ऐसा मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को विनम्र बनाता है ना कि घमंड करना.

सुंदरता का घमंड

प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि मनुष्य को अपना सौंदर्य पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि सुंदरता स्थाई नहीं होती है. जैसे जैसे उम्र बढ़ती है शरीर में बदलाव आते हैं और सुंदरता धीरे धीरे फीकी पड़ने लगती है. इसलिए हमें अपनी सुंदरता पर घमंड करने की बजाय मन की सुंदरता पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए.

जाति का घमंड

प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि हमें कभी भी अपनी जाति पर घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि जाती भगवान द्वारा नहीं बल्कि इंसान द्वारा बनायी गई है. जाति के आधार पर भेदभाव करना ग़लत है, और इसे हमें पूरी तरह से नकारना चाहिए. इसके अलावा व्यक्ति को कभी कुल पर भी अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि सम्मान और स्थिति भगवान की कृपा से मिलती है ना कि किसी व्यक्ति के कुल या परिवार से.


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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