इन्दौर डेस्क- Holi दहन पर पाबंदी का फैसला इंदौर जिला प्रशासन को महंगा पड़ रहा है। प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ कोई और नहीं, खुद बीजेपी के नेता ही मैदान में उतर आए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने सरकार की हालत खराब रखी है। देश का सबसे साफ शहर माना जाने वाला इंदौर कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहा है। शुक्रवार को ही इंदौर में 600 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिले। इसके चलते जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में गुरुवार को कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन निर्णयों में सबसे महत्वपूर्ण था सरकारी (Holi) दहन न करने का फैसला। साथ ही होली (Holi) पर आवाजाही को नियंत्रित करने की बात भी कही गई थी। प्रशासन का मानना था कि अगर भीड़ बढेगी तो कोरोना संक्रमण की स्थिति भी बढ़ेगी।
प्रशासन का यह फैसला आते ही इसका विरोध शुरू हो गया। सबसे पहले बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा का बयान आया और उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि जिलाधीश चाहे उन पर केस लगाये, डीआईजी डंडे चलाएं, वह तो Holi दहन करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि उनके भाई के निधन के चलते लोग रंग डालने घर पर आएंगे, यह भी कार्यक्रम आयोजित होगा ही। शुरू में तो कांग्रेस ने उमेश शर्मा के इस बयान पर पलटवार किया लेकिन फिर खुद कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी Holi दहन करने और धुलेन्डी पर्व मनाने के लिए मुहिम छेड़ दी। कलेक्टर से भी मिले लेकिन कलेक्टर ने उन्हें समझा बुझा दिया और संजय शुक्ला ने कह दिया कि जनता के हित में प्रशासन के सपोर्ट में घर पर ही Holi मनाई जाएगी। लेकिन अब एक ताजा बयान ट्वीट के माध्यम से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिया है। उन्होंने लिखा है “Holi दहन रोकना अनुचित!!! इंदौर की जिला प्रशासन ने Holi दहन नहीं करने के आदेश दिए हैं। यह बेहद आपत्तिजनक फैसला है। मेरा आग्रह है कि प्रशासन इस फैसले पर पुनर्विचार करें। इससे जनता की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी।”
कैलाश के इस ट्वीट के समर्थन में लोगों ने Holi दहन ना करने की इंदौर जिला प्रशासन के फैसले को तुगलकी फरमान बता डाला और लिखा कि भारत के हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंची है। एक समर्थक में लिखा आपकी कमी पूरे इंदौर को खल रही है। इंदौर के एक व्यक्ति ने लिखा दादा घर आ जाओ। अब बहुत हो गया बंगाल ।हम यहां बेसहारा हो चले हैं। प्रमोद पहाड़िया नाम के एक समर्थक में लिखा दादा आपके बिना इंदौर नेतृत्व हीन महसूस कर रहा है। ऐसा लग रहा है सही निर्णय लेने की क्षमता खत्म हो गई है। केवल बसूली चल रही है। कुछ लोगों ने इस निर्णय का ठीकरा राज सरकार पर छोड़ दिया।
जाहिर सी बात है कि कैलाश विजयवर्गीय का पूरे मध्यप्रदेश सहित इंदौर में विशेष प्रभाव है। ऐसे में उनका यह ट्वीट अब जिला प्रशासन के लिए गले की फांस बन गया है क्योंकि इंदौर में अब लोग कैलाश के समर्थन में Holi दहन तो करेंगे ही। प्रशासन उन पर क्या कार्रवाई करता है और कोरोना को कैसे नियंत्रित कर पाता है, यह देखने वाली बात होगी।
इंदौर में कोरोना
मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले में इंदौर नंबर वन पर है। शुक्रवार को इंदौर में 612 नए प्रकरण सामने आए यानी आज दिनांक तक वहां 66559 लोग कोरोना पीङित हो चुके हैं जिनमें 951 की मौत हुई है। शुक्रवार को भी दो लोगों की मौत कोरोना से हो गई ।सुखद बात यह भी है कि 62900 मरीज आज तक स्वस्थ हो चुके हैं और कुल एक्टिव केस अभी 2718 ही है। प्रशासन की पूरी कोशिश है कि जैसे तैसे कोरोना नियंत्रम में रखा जाए ।