Puja Path Niyam: हिन्दू धर्म में श्रीमद्भगवत गीता का विशेष महत्व होता है। यह कुरुक्षेत्र युद्ध की शुरुआत में अर्जुन को दिया गया श्रीकृष्ण का प्रवचन है। इसमें मनुष्य के जीवन से संबंधित कई प्रश्नों का जवाब रखता है। यह जीवन से परिचित कराने में भी मदद करता है। गीता में धर्म, कर्म, नीति, सफलता और सुख का राज्य छुपा है। मान्यताएं जिस घर में नियमित रूप से गीता का पाठ उस घर में खुशहाली आती है। घर में गीता रखना भी शुभ माना जाता है। शास्त्रों में श्रीमद्भगवत गीता को रखने के लिए कुछ नियमों (Bhagavad Gita Niyam) का उल्लेख्य किया गया है। जिसका पालन करना बहुत जरूरी होता है।
कहाँ रखें गीता?
गीता एक पवित्र ग्रंथ है। इसे लाल रंग से कपड़े में लपेटरकर मंदिर में रखें। साफ-सफाई का विशेष ख्याल भी रखें। बिना स्नान किए इसे छूने की भूल न करें ।
पूरा अध्याय खत्म करके उठें
गीता का पाठ करने से मन को शांति मिलती है। आसपास की नेगेटिव एनर्जी से छुटकारा मिलता है। एक बार पाठ शुरू होने के बाद बार-बार उठना शुभ नहीं माना जाता। पूरा अध्याय समाप्त करने के बाद ही उठना चाहिए।
इन देवताओं की करें पूजा
गीता का पाठ शुरू करने से पहले भगवान श्रीकृष्ण और भगवान गणेश की पूजा-अराधना जरूर करें। पाठ पूर्ण होने के बाद श्रीकृष्ण की आरती जरूर करें
जमीन पर न रखें गीता
गीता का पाठ करते समय इसे जमीन पर रखना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए जब भी कभी गीता का पाठ करें तो पुस्तक को लकड़ी की चौकी पर रखें।
इन बातों का भी रखें ख्याल
- गीता का पाठ हमेशा सुबह से समय करना चाहिए।
- गीता पाठ करने से पहले स्नान करना जरूरी होता है।
- शुद्ध मुंह से श्लोकों को पढ़ना चाहिए।
- श्रीमद्भगवत गीता का सम्पूर्ण 18 अध्याय के बाद एकल छोटा हवन करना भी शुभ माना जाता है।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)