Puja Path Niyam: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान घंटी का विशेष महत्व होता है। मान्यताएं हैं घंटी बजाने से भगवान के प्रतिमा में चेतना जागृत होती है। साथ ही आसपास के माहौल में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घंटी को गरुड़ देव का प्रतिक माना जाता है, जो भगवान विष्णु के सवारी हैं। इससे सृष्टि के पालन हार भगवान विष्णु तक भक्तों की पुकार जल्दी पहुँचती है। घर में घंटी रखते समय और पूजा के दौरान इसे बजाते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। जिसका उल्लेख है ग्रंथ और शास्त्रों में भी किया गया है।
घंटी बजाते समय इन नियमों का करें पालन
- पूजा की शुरुआत या आरती के समय घंटी बजाना शुरू करें और पूजा के समापन के बाद ही इसे रखें।
- पूजा की घंटी को बजाते स्वच्छया का विशेष ख्याल रखें। गंदे हाथों से इसे छूना अशुभ माना जाता है ।
- जब भी घंटी बजायें तो ध्यान रहे कि आप बाएं हाथ का इस्तेमाल करें।आरती के दौरान दाएं हाथ से आरती और बाएं हाथ से घंटी बजानी चाहिए।
- शाम की पूजा के दौरान कभी भी भी घंटी नहीं बजनी चाहिए। यह समय देवी-देवताओं के विश्राम का होता है और घंटी बजाने से उनके विश्राम में विघ्न आती है। प्रातः काल की पूजा के दौरान घटी बचाना शुभ माना जाता है।
- भोग लगाते समय पांच बार घंटी बजायें। ऐसा करने से भगवान भोग को जल्दी स्वीकार करते हैं।
घर में घंटी रखते समय इन नियमों का ख्याल
- घर के मंदिर में घंटी को हमेशा मूर्तियों की बाईं ओर रखीं। मंदिर के दक्षिण दिशा में इसे रखना अशुभ माना जाता है।
- घंटी का मुख हमेशा सामने की ओर रखना चाहिए। घंटी में गरुड़ देव का चित्र होता है। इसे उल्टा रखने से देवी-देवता नाराज होते हैं।
- घंटी को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
- घंटी को बजने के बाद इसकी सदैव पूजा करनी चाहिए। गंध, फूल और अक्षत अर्पित करना चाहिए।
- घंटी को कभी भी लेटा कर न रखें। इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)