Purnima Upay: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कुंवारों के लिए खास उपाय, मिलेगा मनचाहा साथी

सनातन धर्म में पूर्णिमा (Purnima Upay) का महत्व वास्तविकता में बहुत उच्च मान्यता प्राप्त है। यह दिन माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए विशेष महत्वपूर्ण होता है, जिससे धन, समृद्धि, शौर्य और सौभाग्य की प्राप्ति की आशा की जाती है।

Purnima Upay : सनातन धर्म में पूर्णिमा का महत्व वास्तविकता में बहुत उच्च मान्यता प्राप्त है। यह दिन माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए विशेष महत्वपूर्ण होता है, जिससे धन, समृद्धि, शौर्य और सौभाग्य की प्राप्ति की आशा की जाती है। इसके अलावा, पूर्णिमा तिथि पर दान करने का आदेश भी है। यह दान अपनी संतान, खुद के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए किया जाता है और ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक माध्यम माना जाता है। इसके अलावा, शादी के लिए पूर्णिमा तिथि को विशेष माना जाता है क्योंकि इस दिन का मान्यता संक्रांति और चंद्रमा के विशेषता से जुड़ा हुआ है।

Purnima Upay: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कुंवारों के लिए खास उपाय, मिलेगा मनचाहा साथी

इस दिन विवाहित जोड़े को धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से सुख और समृद्धि की प्राप्ति की आशा होती है। इसलिए इस दिन शादी के लिए विशेष उपायों को किया जाता है जैसे कि पूजा, मंत्रों का जाप, व्रत, दान, आदि… तो यदि आपकी शादी में अड़चनें आ रही हैं और आप ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन इसके लिए उपाय करना चाहते हैं तो निम्नलिखित उपायों को आजमा सकते हैं…

  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें। ध्यान दें कि पूजा करते समय पूर्णिमा के समय का ध्यान रखें। आप पूर्णिमा के समय माता लक्ष्मी के चित्र की पूजा कर सकते हैं और उन्हें माला, चावल, कपूर, और दीपक सहित उपहार दे सकते हैं।
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखें। आप इस दिन पूरे दिन निराहार रहकर ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजा और व्रत कर सकते हैं। इससे आप अपनी इच्छित जीवनसाथी को प्राप्त करने की कामना कर सकते हैं।
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन आप माता लक्ष्मी के मंत्र जाप कर सकते हैं, जैसे “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”। इस मंत्र को अविवाहित लोग विशेष ध्यान देकर जप सकते हैं और माता लक्ष्मी से अपनी इच्छित जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए कृपा की अपेक्षा कर सकते हैं।
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन दान करें। आप धन, वस्त्र, अन्न, या अन्य दान के रूप में योग्य वस्तुएं दे सकते हैं। दान करने से आप अपने विवाह की सम्पन्नता और अविवाहित लोगों के लिए जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए शुभ योग बढ़ा सकते हैं।
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की पूजा करना और 108 बार परिक्रमा करना एक प्रसिद्ध उपाय है जो अविवाहित लड़कियों के लिए शादी के लिए शुभ योग बढ़ाने का मान्यता प्राप्त है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)