आज राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2025 ) का पावन पर्व है। जिस तरह से कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस तरह से राधा अष्टमी को देवी राधा के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवी राधा का जन्म हुआ था।
राधा जी को भगवान श्री कृष्ण की प्रेमिका और उनकी संगिनी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं की माने तो इस दिन जो व्यक्ति राधा रानी की पूजन अर्चन करता है उसके जीवन में सुख और सौभाग्य का आगमन होता है। वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाना चाहते हैं तो आज राधा रानी की पूजन जरूर करें। आज के दिन अगर कुछ पवित्र वस्तुएं घर में लाई जाए तो शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
राधा अष्टमी का पावन पर्व (Radha Ashtami 2025)
राधा अष्टमी की तिथि की शुरुआत 30 अगस्त की रात 10:46 से हो चुकी है। यह 1 सितंबर की सुबह 12:57 तक रहेगी। उदया तिथि के मुताबिक इसे 31 अगस्त को मनाया जाएगा। आज के दिन सुबह 11:05 से दोपहर 1:38 तक का समय बहुत शुभ माना गया है। इस दौरान राधा कृष्ण की पूजन जरूर करें।
घर ले आएं ये चीजें
बांसुरी
श्री कृष्ण की बांसुरी राधा रानी को बहुत प्रिय है। राधा अष्टमी के दिन जो घर पर बांसुरी लेकर आता है उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वास बना रहता है। घर में आपसी सामंजस्य कायम रहता है। आप इसे पूजा स्थल पर रख सकते हैं।
कदंब का पौधा
भगवान कृष्ण कदंब के वृक्ष की डोलियां पर बैठकर बांसुरी बजाया करते थे। जो व्यक्ति राधा अष्टमी के दिन कदंब का पौधा लगता है उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस पौधे को आपको अपने आंगन, बालकनी या खुले स्थान पर लगाना चाहिए।
मोरपंख
मोर पंख भगवान श्री कृष्ण को बहुत पसंद है। उनके श्रृंगार में इसका विशेष स्थान है। मोर पंख हमेशा श्री कृष्ण के मुकुट पर सजा रहता है। ये आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। यह राधा जी को भी बहुत प्रिय है। राधा अष्टमी के दिन इसे घर पर जरूर लाएं। इससे आपको राधा कृष्ण की कृपा प्राप्त होगी।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।





