हर व्यक्ति अपने जीवन में जिस भी तरह की परिस्थितियों का सामना करता है। वह कुंडली में मौजूद उसकी ग्रह नक्षत्र की स्थिति के आधार पर बनती है। दरअसल, ग्रहों की चाल समय-समय पर बदलती है जिसका सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर देखने को मिलता है। सूर्य, मंगल, राहु, केतु, शनि यह सभी हमारे जीवन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हमारी कुंडली में नौ ग्रह विराजित होते हैं और इनमें से सभी का शुभ और अशुभ स्थान है। जब यह उस स्थान पर पहुंचते हैं तो अलग-अलग योग और दोष निर्मित करते हैं। कालसर्प दोष भी एक ऐसी ही स्थित है जो राहु और केतु की वजह से निर्मित होती है। जब सारे ग्रह रेखांकित होते हैं और राहु केतु बीच में फंस जाते हैं तब जिनकी कुंडली में ये ग्रह दशा बनती है उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

राहु-केतु दोष से परेशानी (Rahu Ketu Dosh)
जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के दोष उत्पन्न होते हैं। वह परेशानियों से भरा जीवन जीते हैं। इन लोगों की जिंदगी में शारीरिक समस्या, आर्थिक नुकसान, पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव बढ़ जाता है। इन दोनों ग्रहों की वजह से कुंडली में कालसर्प दोष भी बन जाता है जो व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर सकता है। अगर आपकी कुंडली में राहु केतु की दशा या महादशा चल रही है। तो कुछ उपायों के जरिए अशुभ प्रभाव दूर किए जा सकते हैं। चलिए आज हम आपको इनके बारे में बताते हैं।
क्या करें उपाय
- जो लोग राहु केतु दोष से बचना चाहते हैं और दुष्प्रभाव को कम करना चाहते हैं। उन्हें शनिवार के दिन गोमेद रत्न धारण करना चाहिए। यह एक ऐसा रत्न है जो राहु के दुष्प्रभाव को कम कर जीवन में सुख शांति लाने का काम करता है।
- नीले रंग के कपड़े पहनने से राहु का प्रभाव शांत होता है। वहीं अगर आप केतु का दोष कम करना चाहते हैं तो आपको गुलाबी रंग के कपड़े पहनना चाहिए। इसे अशुभ प्रभाव धीरे-धीरे दूर होने लगेंगे।
- जिस घर में भगवान श्री कृष्ण की शेषनाग पर नृत्य करती हुई तस्वीर होती है। वहां पर राहु केतु के अशुभ प्रभाव का असर कम हो जाता है।
- इस तस्वीर की पूजन करने के साथ ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें। इससे ग्रहों के उग्र प्रभाव से शांति मिलती है।
- शनिवार के दिन व्रत जरूर रखें और यह आपको 18 शनिवार तक करना है। इस दौरान राहु मंत्र का जब जरुर करें। ऐसा करने से राहु आपको शुभ परिणाम देने लगेगा।
- इन दोनों ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए रुद्राक्ष की माला से भगवान भोलेनाथ के मंत्रों का जाप करें। इससे आपको मानसिक शांति की प्राप्ति होगी।
- पितृपक्ष में पीपल के पेड़ पर जल के साथ मिठाई या भोजन अर्पित करें। इससे पितृ दोष भी दूर होता है और राहु केतु का अशुभ प्रभाव भी शांत होता है।
- केतु दोष से मुक्ति पाने के लिए केतु मंत्र का रोजाना जाप करें। ऐसा करने से दोष दूर होंगे और अच्छे फल प्राप्त होने लगेंगे।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।