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Tue, Dec 16, 2025

जानें क्या है विपरीत राजयोग, व्यक्ति को सफलता के आसमान पर पहुंचा देता है ये योग

Written by:Ayushi Jain
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जानें क्या है विपरीत राजयोग, व्यक्ति को सफलता के आसमान पर पहुंचा देता है ये योग

Rajyog In Kundali : ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति की कुंडली में कोई ना कोई शुभ और अशुभ योग जरूर बनता है। उन योग की वजह से व्यक्ति के जीवन पर काफी ज्यादा प्रभाव भी देखने को मिलता है। कई व्यक्ति का जीवंत धन-धान्य से भरपूर हो जाता है तो कईयों का परेशानियों से घिर जाता है। क्योंकि कुछ लोग व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से बदल देते हैं। आज हम आपको एक ऐसे योग के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद शक्तिशाली और काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है।

कहा जाता है कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में ये योग बनता है उसमें शानदार नेतृत्व करने की क्षमता होती है। इतना ही नहीं उसके जीवन में कभी भी ना तो पैसों की कमी होती है। ना ही प्रेम, प्रसिद्धि, पद और सफलता की। चलिए जानते हैं राजयोग के बारे में जो व्यक्ति के सफल जीवन को भी सफल बना देता है और मालामाल कर देता है। हम बात कर रहे हैं विपरीत राजयोग की। ये योग जिस भी व्यक्ति की कुंडली में बनता है उन्हें सफलता तो मिलती है लेकिन, उनकी सफलता में किसी का हाथ जरूर होता है। चलिए जानते हैं इस योग के बारे में सब कुछ –

क्या है विपरीत Rajyog

ज्योतिषों की माने तो विपरीत राजयोग का निर्माण तब होता है जब व्यक्ति की कुंडली में छठे भाव का स्वामी अष्टम या द्वादश भाव में विराजमान होता है या फिर जब द्वादशेश षष्ठम या अष्टम भाव में होता है तो विपरीत राजयोग बनता है। कहा जाता है कि विपरीत राजयोग में त्रिक भाव और इनके स्वामियों की ही भूमिका अहम होती है। ये 3 प्रकार के होते है – हर्ष, सरल और विमल।

हर्ष राजयोग

हर्ष राजयोग व्यक्ति के जीवन को बदल के रख देता है। ये योग बनने से पारिवारिक जीवन में सुखद पल मिलते हैं। इतना ही नहीं समाज में मान सम्मान भी तेजी से बढ़ता है। वहीं सेहत भी सुधार में रहती है। ये योग व्यक्ति के जीवन को बदल कर रख देता है। हालांकि अगर छठे भाव का स्वामी छठे भाव में ही विराजमान हो तो यह योग व्यक्ति के जीवन में सुख संकेत नहीं देता है। ऐसी स्थिति में जीवन परेशानियों से घिर जाता है।

विमल राजयोग

विमल राजयोग में व्यक्ति के जीवन में धन की कमी नहीं होती है। व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। व्यक्ति आध्यात्मिक क्षेत्र में जातक प्रगति करता है। हालांकि अगर द्वादश भाव का स्वामी जब द्वादश में ही हो तो वह व्यक्ति को जीवन में परेशानियां देता है। इतना ही नहीं इससे धन हानि भी होती है।

सरल राजयोग

सरल राजयोग में व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है। इतना ही नहीं इस योग की वजह से व्यक्ति के जीवन में चारित्रिक योग से सकारात्मक बदलाव आते हैं। आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। इतना ही नहीं इस योग को बेहद सुखद माना जाता है। लेकिन अगर अष्टम भाव का स्वामी अष्टम में ही हो तो मानसिक और शारीरिक परेशानियों से व्यक्ति को दो-चार होना पड़ सकता है

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न माध्यमों के जरिए बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।