हमारे सनातन धर्म में सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता (Ravivar) माना गया है। ये ही एकमात्र ऐसे देव हैं जो हर रोज दिखाई देते हैं और अपने भक्तों को ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
मान्यता है कि सही विधि से सूर्योदय के समय की गई सूर्य आरती से घर में कभी दरिद्रता नहीं आती और रोग-शोक दूर होता है। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि सूर्य देव की आरती कैसे करें, क्या सावधानियां रखें, और कौन से मंत्रों का जाप करें जिससे आपको मिले पूरा फल।

सूर्य देव को प्रसन्न करने का सही समय और विधि
सूर्य देव की पूजा का सबसे शुभ समय सूर्योदय होता है, जब सूर्य की पहली किरण धरती पर पड़ती है। इस समय की गई प्रार्थना को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। पूजा की शुरुआत से पहले स्नान करना आवश्यक होता है। स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हों।
तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और गुड़ डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय निम्न मंत्र का जाप करें, “ॐ सूर्याय नमः”, “ॐ घृणिः सूर्य आदित्यः” इसके बाद दीपक जलाएं और सूर्य देव की आरती करें। आरती करते समय कपूर, घी या सरसों के तेल का दीपक उपयोग करें और नीचे दिए गए आरती गीत को गाएं। आरती के पश्चात हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि सूर्य देव आपके घर में धन-धान्य और स्वास्थ्य की वृद्धि करें।
सूर्य पूजा से जुड़ी अहम मान्यताएं और फायदे
सूर्य देव की पूजा न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि इसका आयुर्वेद और ज्योतिष में भी विशेष महत्व है। सूर्य को पित्त और अग्नि का कारक माना जाता है, इसलिए इनकी पूजा से पाचन तंत्र मजबूत होता है और त्वचा संबंधी रोग दूर रहते हैं।
ज्योतिष अनुसार, अगर किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो उसके आत्मविश्वास में कमी, पिता से संबंध खराब, सरकारी नौकरी में रुकावट या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। रोज सुबह सूर्य को जल देने से ये सभी दोष दूर हो सकते हैं।
इसके अलावा, सूर्य पूजा से मानसिक शांति, तेज़ निर्णय लेने की क्षमता और सरकारी क्षेत्र में सफलता मिलती है। छात्र, अधिकारी, वकील, नेता जैसे लोगों के लिए यह पूजा अत्यंत लाभदायक मानी गई है।
सूर्य देव की आरती में अपनाएं ये खास नियम
- पूजा से पहले शरीर और मन दोनों की शुद्धता आवश्यक है।
- स्नान के बाद गीले वस्त्रों में ही अर्घ्य देना उत्तम माना गया है।
- पूजा के समय पैरों में चप्पल या जूते न पहनें।
- अर्घ्य हमेशा तांबे के पात्र से ही दें।
- पूजा के बाद आरती में कपूर या घी का दीपक जलाएं।
- पूजा करते समय मौन रहना या मंत्रों का उच्चारण करना बेहतर होता है।
- इन नियमों का पालन करने से सूर्य देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनके कृपा से जीवन में स्थायित्व आता है।
- रोजाना सूर्य को अर्घ्य देने से कैसे बढ़ता है धन-धान्य
- धन की कमी, बार-बार नौकरी में रुकावट, व्यापार में नुकसान जैसी परेशानियों से जूझ रहे लोगों के लिए सूर्य को अर्घ्य देना किसी वरदान से कम नहीं।
पुराणों के अनुसार, सूर्य देवता समृद्धि और वैभव के कारक हैं। इनकी कृपा से घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती। रोजाना सूर्योदय से पहले उठकर जब आप संकल्प लेकर सूर्य को जल अर्पित करते हैं, तो उससे आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासकर रविवार को सूर्य देव की विशेष पूजा करके आप आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार देख सकते हैं। अर्घ्य के साथ ‘ॐ भास्कराय नमः’ का 108 बार जप करें। इससे नेगेटिव ऊर्जा खत्म होती है और घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। साथ ही, अगर आप अपने घर के बच्चों को सूर्य नमस्कार और आरती का नियम सिखाते हैं तो उनका स्वास्थ्य और आत्मबल भी मजबूत होता है।
रविवार को सूर्य आराधना के खास उपाय
- रविवार सूर्य देव का विशेष दिन माना गया है। इस दिन सूर्य पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
- रविवार के दिन लाल वस्त्र पहनकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- गुड़ और गेहूं का दान करें।
- गाय को रोटी और गुड़ खिलाएं।
- अपने पितरों के नाम से जलदान और तिल दान करें।
- सूर्य मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार जरूर करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।