क्या लड्डू गोपाल को साथ में सफर पर ले जाना है सही? जानिए क्या कहता है शास्त्र!

अक्सर आजकल कई लोग अपने साथ लड्डू गोपाल को लेकर घूमते हैं क्योंकि वे लड्डू गोपाल की सेवा करते हैं। हालांकि इस बात पर हमेशा से ही बहस चलती रही है कि क्या लड्डू गोपाल को साथ में लेकर घूमना सही है और जो लोग सेवा करते हैं, क्या वे लड्डू गोपाल को लेकर घूम सकते हैं। चलिए जानते हैं शास्त्रों के अनुसार क्या सही है।

कई लोग लड्डू गोपाल जी की नित्य सेवा करते हैं, लेकिन कई बार ऐसी स्थिति भी आ जाती है जब उन्हें 4 से 5 दिन के लिए बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वे अपने साथ लड्डू गोपाल को भी ले जाएं या ऐसा करना सही नहीं होगा। ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता है कि लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करें और क्या शास्त्रों में लड्डू गोपाल को साथ रखना सही है। चलिए जानते हैं आखिर शास्त्र क्या कहते हैं।

अगर आप भी लड्डू गोपाल की नित्य सेवा करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं तो आपके लिए भी यह खबर महत्वपूर्ण हो सकती है। दरअसल, लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लड्डू गोपाल कृष्ण के ही बाल रूप हैं। पुराणों में पूजा-अर्चना के लिए कई नियम बताए गए हैं। शास्त्रों में यात्रा को लेकर भी नियम हैं। चलिए जानते हैं वे क्या हैं।

कब साथ में कर सकते हैं यात्रा?

लड्डू गोपाल को आपको अपने बच्चों के रूप में ही मानना चाहिए। जब आप अपने लड्डू गोपाल के साथ यात्रा करना चाहते हैं तो यह भक्ति का ही एक प्रतीक माना जाता है। जैसे माता-पिता अपने बच्चों को साथ ले जाते हैं, वैसे ही लड्डू गोपाल को साथ ले जाना भावनात्मक रूप से तो उचित है। इसके लिए आप उनके लिए साफ वस्त्र, आसन, भजन, भोग, जल आदि की उचित व्यवस्था भी कर सकते हैं। तो उन्हें साथ ले जाना उचित है। अगर आप तीर्थ स्थान, मंदिर या धार्मिक आयोजन में जा रहे हैं तो लड्डू गोपाल को साथ ले जाना बेहद ही शुभ माना जाता है। लेकिन इस दौरान आपको कुछ चीजों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

जानिए किन स्थितियों में घर पर रहने दें लड्डू गोपाल को

शास्त्रों में इसे लेकर कई प्रकार के नियम बताए गए हैं। कुछ ऐसी परिस्थितियां बताई गई हैं जहां लड्डू गोपाल को ले जाना उचित नहीं है। पुराणों के मुताबिक, यदि आप ऐसे स्थान पर जा रहे हैं जहां शुद्धता, शांति या मर्यादा का पालन नहीं होता है, तो ऐसी जगह पर आपको लड्डू गोपाल को नहीं ले जाना चाहिए। भीड़-भाड़ वाले बाजार, बार, सिनेमाघर में तो लड्डू गोपाल को कभी भी नहीं ले जाना चाहिए। यह किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। इसके अलावा शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि अगर यात्रा के दौरान आप लड्डू गोपाल को ठीक प्रकार से संभाल नहीं सकते, समय पर उन्हें स्नान, भोग, सेवा आदि नहीं कर सकते, तो उन्हें घर के मंदिर में ही विराजमान रहने देना चाहिए और मानसिक रूप से ही उनकी सेवा करनी चाहिए।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News न्यूज़ नहीं करता।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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