30 अक्टूबर को रूप चौदस, जरूर करें ये 3 उपाय, मिलेगा सुंदरता का वरदान, बना रहेगा निखार 

रूप चौदस के दिन कुछ उपायों को करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से अच्छी सेहत और सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।

Roop Chaudas 2024: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर रूप चौदस का पर्व मनाया जाता है। इसे नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है।  देशभर में इस पर्व को लेकर अलग-अलग परंपरा है। कई स्थानों पर अभ्यंग स्नान किया जाता है। यमराज को दीपदान करने की भी परंपरा है। मान्यताएं हैं रूप चौदस के दिन व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण आरोग्य और सौन्दर्य का वरदान देते हैं।

इस साल 30 अक्टूबर बुधवार को रूप चौदस का पर्व मनाया जाएगा। बुधवार को दोपहर 1:15 बजे चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा। इसका समापन 31 अक्टूबर दोपहर 3:52 बजे होगा। इस दिन कुछ उपायों को करने से सुंदरता बढ़ती है। त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती है।

तिल का तेल लगाएं (Narak Chaturdashi) 

तिल को सरसों के तेल में पकाकर इसे अच्छे से छान लें। इससे पूरे शरीर में लगाएं। इसके बाद स्नान करें। इस दौरान “ॐ रूपं देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से त्वचा की ड्राइनेस खत्म होती है। ग्लो बढ़ता है।

ऐसे करें स्नान (Abhyang Snana)

रूप चौदस के दिन अभ्यंग स्नान करने से सौन्दर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। अभ्यंग स्नान सूर्योदय से पहले किया जाता है। तेल लगाने के बाद ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। नहाने के पानी में नीम या चिरचिटा के पत्ते भी डाल सकते हैं।

उबटन लगाएं (Roop Chaudas Upay) 

इस दिन उबटन लगाना बेहद शुभ माना जाता है। हल्दी, चंदन, बेसन केसर और दूध मिलाकर उबटन तैयार करें। इसे चेहरे पर लगाएं। इसके बाद स्नान करें। ऐसा करने से त्वचा पर सालों-साल तक ग्लो बना रहता है।

(Disclaimer: इन आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News