हिंदू धर्म में एकादशी की तिथि का बहुत महत्व माना गया है। यह ऐसी तिथि है जिसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से जोड़कर देखा गया है। वैसे तो हर एकादशी खास होती है लेकिन कुछ का विशेष महत्व माना गया है। इनमें से एक पौष मास के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी भी है।
पौष हिंदू पंचांग का विशेष महीना है, जिसमें सूर्य और तुलसी पूजन का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा कहते हैं कि तुलसी की उपासना और सूर्य देव की आराधना से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। इस साल 15 दिसंबर को सफला एकादशी और 30 दिसंबर को पुत्रदा एकादशी पड़ रही है। इन दोनों का ही विशेष महत्व माना गया है। इस दिन किए गए तुलसी के कुछ उपाय बहुत कारगर माने गए हैं।
एकादशी पर तुलसी से जुड़े उपाय
ना चढ़ाएं जल: पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सबसे पहले तो यह याद रखें कि इस दिन जल नहीं चढ़ाया जाता।
मिट्टी से तिलक: इस दिन तुलसी की मिट्टी का तिलक करें। आपको जड़ से सूखी मिट्टी लेकर माथे पर तिलक लगाना होगा इससे सारी नेगेटिविटी दूर हो जाएगी और पॉजिटिविटी आने लगेगी।
चावल का दान: एकादशी व्रत पूरा होने के बाद द्वादशी के दिन चावल और तुलसी का दान बहुत शुभ माना गया है। अगर आपके पास पौधा है तो आप उसे दान कर सकते हैं। तुलसी नहीं है तो चावल का दान दक्षिणा के साथ भी किया जा सकता है। इस उपाय से श्री हरि विष्णु प्रसन्न होते हैं।
घी का दीपक: एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जरूर जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और हमेशा सुख शांति बनी रहती है।
इन नियमों का रखें ध्यान
- पुराणों में इस बात का उल्लेख दिया गया है कि तुलसी तोड़ते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे की पूर्णिमा, अमावस्या और सूर्य संक्रांति जैसे दिन तुलसी नहीं तोड़ी जाती।
- इसके अलावा संध्या, रात्रि, दोपहर और अशुद्ध अवस्था के दौरान, बिना स्नान किए, तेल लगाकर या रात के कपड़े पहनकर कभी भी तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए।
- अगर स्थान अशुद्ध है या फिर अशुद्ध मन है तो तुलसी कभी ना तोड़े। ऐसा करने से श्री हरि विष्णु नाराज होते हैं।
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