Sanwaliya Seth Mandir : श्री सांवलिया सेठ मंदिर ने चढ़ावे के तोड़े सारे रिकॉर्ड, मिला इतना सोना-चांदी और नकद, पढ़ें यह खबर

Sanwaliya Seth Mandir : श्री सांवलिया सेठ मंदिर, जो भगवान श्रीकृष्ण के अद्भुत रूप के लिए जाना जाता है। श्री सांवलिया सेठ मंदिर ने, इस वर्ष जून महीने में चढ़ावे के सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दरअसल इस मंदिर में आए जबरदस्त दान ने सबको हैरान कर दिया है।

Rishabh Namdev
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Sanwaliya Seth Mandir : चित्तौड़गढ़, राजस्थान स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर ने इस जून महीने में चढ़ावे के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मंदिर को कुल 19.76 करोड़ रुपये का चढ़ावा मिला, जिसमें नकद, मनीऑर्डर, सोना और चांदी शामिल थे। इस अप्रत्याशित दान ने मंदिर प्रबंधन और श्रद्धालुओं को हैरान कर दिया है, जो इस धार्मिक स्थल की बढ़ती लोकप्रियता और श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का प्रतीक है।

रिकॉर्ड तोड़ दान

दरअसल चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर ने इस बार चढ़ावे के मामले में एक नया इतिहास रच दिया है। मंदिर में पिछले महीने के दान की कुल राशि को पांच चरणों में गिना गया, जिसमें नकद, मनीऑर्डर, सोना और चांदी शामिल थे।

सोना-चांदी और नकद का विशाल चढ़ावा

वहीं श्री सांवलिया सेठ मंदिर के भंडार में इस बार 19.76 करोड़ रुपये का चढ़ावा आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर में पिछले एक महीने में 15 करोड़ 58 लाख 50 हजार 284 रुपये नकद चढ़ावा आया है। इसके अलावा, 3 करोड़ 49 लाख 13 हजार 471 रुपये मनीऑर्डर के माध्यम से प्राप्त हुए। कुल मिलाकर 19.76 करोड़ रुपये का चढ़ावा मिला। इसके अलावा, 505 ग्राम सोना और 89 किलो चांदी भी चढ़ावे में शामिल हैं।

चढ़ावे की गिनती और प्रबंधन

दरअसल चढ़ावे की गिनती का कार्य श्री सांवलियाजी मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर, सदस्य अशोक कुमार शर्मा, श्रीलाल कुलमी, नायब तहसीलदार संजय कुमार मण्डोवरा, और ममतेश शर्मा की देखरेख में किया गया। गणना के दौरान इनका सहयोग मंदिर मंडल प्रशासनिक अधिकारी प्रथम घनश्याम जरवाल और सहायक प्रशासनिक अधिकारी द्वितीय लेहरीलाल गाडरी ने दिया। इस पूरी प्रक्रिया में स्थानीय बैंकों के कर्मचारी भी उपस्थित थे।

सांवलिया सेठ मंदिर, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और यहां देशभर से श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और भक्ति अर्पित करने आते हैं। मंदिर में आने वाले चढ़ावे का उपयोग मंदिर के रखरखाव, सेवा कार्यों और धार्मिक गतिविधियों के लिए किया जाता है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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