Sawan 2024 : सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है। सावन के सोमवार का व्रत रखने वाले भक्तों को भगवान शिव की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। सावन के हर सोमवार को व्रत रखकर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाया जाता है। इस दौरान कांवड़ यात्रा में भक्त गंगा जल लेकर भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग या किसी शिव मंदिर में अर्पित करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव को सावन महीने के दौरान इन फलों को नहीं चढ़ाना चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से…

ना चढ़ाएं ये फल
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को फलों में नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए। इससे भोलेनाथ रुष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा, नारियल के पानी से कभी भी शिवलिंग का अभिषेक नहीं करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्रों में नारियल को श्रीफल कहा जाता है और इसे मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। नारियल का हिंदू धर्म में शुभ और पवित्र फल माना जाता है। माना जाता है कि नारियल में सकारात्मक ऊर्जा होती है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। इस कारणवश नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। इसलिए शिव जी की पूजा में सीधे तौर पर उपयोग नहीं किया जाता है। नारियल को भगवान को अर्पित करने से यह माना जाता है कि व्यक्ति अपनी सभी इच्छाओं और अहंकार को भगवान के चरणों में समर्पित कर रहा है।
- वहीं, शिवजी को बेलपत्र, भांग और धतूरा सबसे प्रिय माने जाते हैं। इसके अतिरिक्त, बेर, आम, केला, निबौली (नीम की निबोली) और बदरी बेर भी शिवजी को पसंद हैं। शिवजी की पूजा में इन वस्तुओं का विशेष महत्व होता है। इन्हें श्रद्धा पूर्वक अर्पित करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
- हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर जिन चीजों से अभिषेक किया जाता है, उन्हें ग्रहण नहीं करना चाहिए। शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली चीजें भगवान शिव को समर्पित की जाती हैं और उन्हें पवित्र माना जाता है। इसलिए, उन्हें ग्रहण करना अनुचित माना जाता है।
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