11 जुलाई से सावन (Sawan 2025) के पवित्र महीने की शुरुआत हो गई है। यह पूरा महीना धार्मिक लिहाज से बहुत शुभ माना गया है। इस महीने में भोले बाबा की पूजन अर्चन करने और माता पार्वती को प्रसन्न करने का खास महत्व माना गया है। भोलेनाथ की पूजन करते समय हमने जल दूध और फल फूल और कुछ करते हैं।
सावन के महीने में अगर आप भी भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पूजन पाठ के बारे में जरूर सोच रहे होंगे। भोलेनाथ की पूजन करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पांच फूल ऐसे हैं जिन्हें शिवलिंग पर कभी भी नहीं चढ़ाना चाहिए। चलिए इस बारे में जानते हैं।
शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये फूल
केतकी
केतकी का फूल कभी भी भोलेनाथ को नहीं चढ़ाया जाता। भोलेनाथ पर सफेद नीले रंग के फूल चढ़ाना वैसे तो शुभ माना गया है लेकिन केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता।
कमल का फूल
भोलेनाथ को कमल का फूल नहीं चढ़ाया जाता है। भगवान शिव वैराग्य और त्याग के प्रतीक है और कमल का फूल भोग विलास से जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि इसे कभी भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता।
चंपा का फूल
पुरानी कथाओं में इस बात का उल्लेख है कि भगवान शिव ने इस फूल को श्रापित किया था। यही वजह है कि इसे कभी भी शिवलिंग गया भोलेनाथ की मूर्ति पर नहीं चढ़ाया जाता है।
कदंब का फूल
कदंब का फूल कभी भी भोलेनाथ को अर्पित ना करें। शास्त्रों के मुताबिक कुछ फूल ऐसे हैं जो भोलेनाथ को पसंद नहीं है, उन्हीं में से एक कदंब का भी है।
लाल रंग का फूल
देवी देवताओं को अक्सर लाल रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं। भगवान शिव को कभी भी लाल रंग का फूल नहीं चढ़ाया जाता है। धर्म शास्त्र में इसे निषेध माना गया है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।





