सावन का महीना (Sawan 2025) शिवभक्ति का पावन समय होता है। इस दौरान भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ जल चढ़ाने से ही नहीं, बल्कि सही मंत्रों का जाप करने से पितृ दोष भी दूर हो सकता है?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सावन के महीने में मां गंगा के पवित्र नामों और कुछ खास मंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से न सिर्फ शिव कृपा प्राप्त होती है, बल्कि पूर्वजों की आत्मा को भी शांति मिलती है। आइए जानते हैं इस उपाय का महत्व और कैसे करें इसका सही तरीके से पालन।
पितृ दोष से मुक्ति का सावन में क्या है खास उपाय?
गंगाजल से करें शिव का अभिषेक
सावन में भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करना सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि गंगा मां खुद शिव की जटाओं से निकली हैं, इसलिए उनका जल शिव को बेहद प्रिय होता है। पितृ दोष से परेशान लोग जब शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाते हैं, तो उन्हें सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ आत्मिक शांति का अनुभव होता है।
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमः शिवाय – शिव को प्रसन्न करने वाला सबसे प्रभावशाली मंत्र।
ॐ गंगे नमः – मां गंगा का यह मंत्र जल की पवित्रता और आत्मशुद्धि के लिए आवश्यक है।
ॐ पितृभ्यः नमः – पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उपयोगी।
ज्योतिष शास्त्र में उल्लेख है कि मां गंगा के 108 नामों का जाप करने से कई जन्मों के दोष मिटते हैं। सावन के सोमवार को इन नामों का पाठ करके जल चढ़ाने से विशेष पुण्य मिलता है। अगर आप हर सोमवार कम से कम 11 नामों का स्मरण भी करते हैं, तो इसका भी सकारात्मक असर महसूस होगा।





