सावन का महीना (Sawan 2025) भगवान शिव की उपासना का सबसे ज़्यादा शुभ समय माना जाता है। इस महीने में शिव भक्त व्रत, रुद्राभिषेक और शिव मंत्रों के ज़रिए हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा को ख़ुद से दूर कर देते हैं। सावन की पावन महीने में विशेष रूप से सोमवार व्रत, जल अभिषेक और ओम नमः शिवाय जैसे मंत्रों का जाप करने से मन की शुद्धि, कर्मों का शोधन और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
भारत एक ऐसा देश है, जहाँ सावन के महीने में अलग ही माहौल देखने को मिलता है, हर शिव मंदिर में अलग ही सावन की गूंज सुनाई देती है। मंदिरों में भक्तजन श्रद्धाभाव की सात भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं, कांवड़ यात्रा निकाली जाती है और लोग अपनी आस्था को आवाज़ देते हैं। इस समय शिव को मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है।
ओम नमः शिवाय
इस मंत्र को सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। सावन के पवित्र महीने में सुबह स्नान करने के बाद, साफ़ कपड़े पहनने के बाद, एक शांत जगह पर बैठकर ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार अवश्य करें। इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा हटती है। मानसिक शांति प्राप्त होती है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती है।
ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
इस महामृत्युंजय मंत्र को रोग, डर और अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए शुभ माना जाता है। इस मंत्र का जाप किसी दीपक या धूप के सामने बैठकर कम से कम 21 बार या फिर 108 बार अवश्य करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से स्वास्थ्य में सुधार, परिवार की ऊपर से संकट हटता है, आकस्मिक घटनाओं से सुरक्षा मिलती है। ऐसा भी माना जाता है कि यह मंत्र भगवान शिव के मृत्यु पर विजय पाने वाले स्वरूप की स्तुति करता है। घर में रोज़ इसका जाप करने से परिवार पर आयी बुरी शक्तियां दूर हो जाती है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्॥
इस शिव गायत्री मंत्र को बुद्धि, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास के लिए किया जाता है। इस मंत्र का जाप किसी शांत वातावरण में बैठकर इस मंत्र का ध्यानपूर्वक 11, 21 या 51 बार जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से एकाग्रता में वृद्धि। निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है। ऐसा भी माना जाता है कि बच्चों के करियर में लाभ शिव गायत्री मंत्र हमें शिव के ज्ञानस्वरूप से जोड़ता है। यह विद्यार्थियों, नौकरीपेशा और साधकों के लिए विशेष फलदायक है।
जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पण
हर रोज शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, या पंचामृत से अभिषेक करें। साथ ही बेलपत्र, धतूरा, भांग और आक फूल अर्पण करें। ये सभी चीजें शिवजी को अत्यंत प्रिय हैं।
सोमवार व्रत का संकल्प लें
सावन के चारों या पांचों सोमवार को निर्जला व्रत रखें और शाम को शिव मंदिर में जाकर दर्शन करें। इससे विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है और विवाह संबंधी बाधाएं भी दूर होती हैं।
रुद्राष्टक का पाठ करें
तुलसीदास जी द्वारा रचित रुद्राष्टक का पाठ भी सावन में अत्यंत फलदायी माना गया है। इसका नियमित जाप शिव की कृपा को शीघ्र प्राप्त करने का माध्यम बनता है।
शिव मंत्रों के जाप में रखें इन बातों का ध्यान
- मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और श्रद्धापूर्वक करें।
- सुबह ब्रह्ममुहूर्त में जाप करना सर्वोत्तम होता है।
- मन को शांत रखें और किसी और विचार में न जाएं।
- जाप माला से 108 बार मंत्र जाप करें।





