Sawan Purnima 2023 : सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा को राखी मनाया जाता है जो कि जुलाई या अगस्त महीने में पड़ता है। रक्षाबंधन का मतलब होता है “रक्षा” और “बंधन” यानी “सुरक्षा की बंधन”। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई बहन को उपहार देते हैं। हालांकि, इस साल सावन पूर्णिमा के दिन भद्रा काल पड़ रहा है। जिसके कारण 30 या 31 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन कुछ खास चीजों का घर में लाना बहुत सौभाग्यशाली होता है। तो चलिए आज हम आपको उन खास चीजों के बारे में विस्तार से बताते हैं…
सोना-चांदी
सोना और चांदी को हिन्दू संस्कृति में शुद्ध और शुभ धातुओं के रूप में माना जाता है। इन्हें घर में रखने से समृद्धि, सौभाग्य और धन का प्रतीक माना जाता है। सावन पूर्णिमा के दिन सोना और चांदी खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसे दिनों में आध्यात्मिकता और धार्मिकता का भी महत्व होता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है।
कपड़ा
सावन पूर्णिमा के दिन कपड़ों की खरीदारी करें। अपनी बहनों और बेटियों को तोहफे में दें। जिससे मां लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद सदैव बनी रहेगी। जिस घर में माता, बहन, बेटी को सम्मान मिलता है उनके घर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
पलाश के फूल
देवी लक्ष्मी को पलाश का फूल बहुत पसंद होता है। इसलिए उनकी पूजा करते समय पलाश के फूल अर्पित करें। जिससे आपके जीवन में धन, समृद्धि और सौभाग्य की कोई कमी नहीं आएगी। इसके अलावा, सावन पूर्णिमा के दिन पलाश के पौधे को घर लाने से आय और समृद्धि में वृद्धि होती है।
स्वास्तिक
स्वास्तिक को सनातन धर्म में शुभ प्रतीक माना जाता है, जिसे पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता है। स्वास्तिक का चिह्न विभिन्न संस्कृतियों में धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग होता है। वास्तु शास्त्र में भी स्वास्तिक का महत्वपूर्ण योगदान होता है और यह घर की चौखट पर बनाने से वास्तु दोषों को दूर होता है। सावन पूर्णिमा के दिन चांदी का स्वास्तिक घर लाएं।
नारियल
सावन पूर्णिमा को देवी लक्ष्मी के विशेष भक्ति और आशीर्वाद का दिन माना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी को नारियल चढ़ाएं। एकाक्षी नारियल को लेकर घर में नारियल पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त किया जा सकता है। इस तरीके से आप अपने घर में समृद्धि बनी रहेगी। उनके घर में कभी धन की कोई कमी नहीं आती।
सावन पूर्णिमा पर दुर्लभ संयोग
सावन महीने की पहली पूर्णिमा 1 अगस्त को है और उसकी शुरुआत 1 अगस्त को सुबह 5 बजकर 21 मिनट से होगी और यह 2 अगस्त को सुबह 1 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, सावन अधिकमास पूर्णिमा व्रत 1 अगस्त 2023, मंगलवार को रखा जाएगा। बता दें कि इस दिन 3 बेहद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। जिसमें प्रीति योग, आयुष्मान योग और लक्ष्मी नारायण योग के साथ उत्तराषाढ़ नक्षत्र का शुभ संयोजन बन रहा है जो त्योहार को भी स्पेशल बना सकता है। जिससे आपके जीवन में खुशियों, समृद्धि और सुख-शांति आएगी।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)