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Thu, Dec 18, 2025

सावन शिवरात्रि पर इस काम को करना क्यों माना जाता है खास? जानिए इसके फायदे और महत्व

Written by:Bhawna Choubey
Published:
सावन शिवरात्रि 2025 का पावन पर्व भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन शिव चालीसा का पाठ करने से न सिर्फ भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। जानिए इस खास दिन पर शिव चालीसा पढ़ने के आध्यात्मिक और जीवन में सकारात्मक प्रभाव।
सावन शिवरात्रि पर इस काम को करना क्यों माना जाता है खास? जानिए इसके फायदे और महत्व

सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है। इस महीने में शिव भक्त व्रत, उपवास और रुद्राभिषेक जैसे अनेक धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। लेकिन सावन की शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2025) का महत्व सभी व्रतों में सर्वोपरि माना गया है। यह दिन भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का उत्तम अवसर होता है।

इस बार सावन शिवरात्रि 2025 की तिथि बेहद खास है, क्योंकि पंचांग के अनुसार इस दिन शिव योग और सिद्धि योग का संगम हो रहा है, जो भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। इस दिन शिव चालीसा का पाठ करने से जीवन में चल रही बाधाएं समाप्त होती हैं और शांति का संचार होता है।

 शिव चालीसा पढ़ने से मिलता है आत्मिक बल

शिव चालीसा, तुलसीदास द्वारा रचित 40 चौपाइयों का संग्रह है, जो भगवान शिव के गुणों और लीलाओं का सुंदर वर्णन करता है। सावन शिवरात्रि के दिन इसका पाठ करने से व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। मानसिक तनाव दूर होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इस दिन जब भक्ति भाव से सुबह स्नान करके, शुद्ध वस्त्र पहनकर, शांत मन से शिवलिंग पर जल अर्पण किया जाए और फिर शिव चालीसा का पाठ किया जाए, तो भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति नित्य शिव चालीसा का पाठ करता है, उसके जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

शिव चालीसा से मिलती है सभी दुखों से मुक्ति

सावन शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह पाठ सभी कष्टों, रोगों और कर्ज से मुक्ति दिलाने में सहायक माना गया है। भगवान शिव को ‘दुखहर्ता’ कहा गया है, और शिव चालीसा में उनके इन्हीं स्वरूपों का वर्णन है।

विशेष रूप से जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष, राहु-केतु की बाधा या मानसिक अशांति है, उनके लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति करता है, बल्कि पारिवारिक जीवन में भी सुख-शांति बनाए रखता है।

जीवन की हर मनोकामना होती है पूर्ण

शिव चालीसा का पाठ सावन शिवरात्रि पर करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से यह पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। चाहे नौकरी की चिंता हो, विवाह की बाधा हो या संतान प्राप्ति की कामना भोलेनाथ हर समस्या का समाधान करते हैं।

सावन शिवरात्रि पर सुबह-शाम दो बार शिव चालीसा का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इसके साथ यदि बिल्वपत्र, धतूरा, आक, गंगाजल और सफेद पुष्प अर्पित किए जाएं तो यह साधना और भी अधिक फलदायी होती है। इस दिन ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप भी चालीसा के साथ करना बेहद प्रभावशाली माना गया है।

शिव चालीसा पाठ की विधि सावन शिवरात्रि पर

  1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
  2. शिवलिंग को जल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से स्नान कराएं।
  3. बिल्वपत्र, धतूरा, आक का फूल, सफेद चंदन और गंगाजल अर्पित करें।
  4. दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
  5. शांत चित्त से बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें।
  6. पाठ के बाद ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।