Pradosh Vrat 2024 : हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। प्रदोष व्रत को भगवान शिव की पूजा और व्रत के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती माता की पूजा की जाती है। भक्त उन्हें दीप, धूप, फल, फूल और पान सहित अन्य प्रसाद अर्पित करते हैं। बता दें कि लोग यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए करते हैं। वहीं, अप्रैल महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 21 अप्रैल को रखा जाएगा। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको पूजा का शुभ मुहूर्त और कुछ उपाय बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, 21 अप्रैल को शाम 6 बजकर 51 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 2 मिनट तक का मुहूर्त बहुत ही शुभ माना जा रहा है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत फलदायी होगा है। साथ ही भक्तों को आनंद, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
इसके बाद साफ कपड़े पहन कर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
अब फूल, बेलपत्र, चंदन, अक्षत आदि चढ़ाएं।
इसके बाद जल से जलाभिषेक करते हुए भगवान की पूजा अर्चना करें।
अंत में आरती उतारें और प्रसाद चढ़ाएं।
करें ये उपाय
भगवान शिव की पूजा करें
व्रत और प्रार्थना
शिव कथा का पाठ
दान करें
शिव मंत्रों का जाप करें
शिव चालीसा या शिव ताण्डव स्तोत्र का पाठ करें
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)
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Sanjucta Pandit
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