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Sun, Dec 21, 2025

इन 2 राशियों पर शनि देव बनाएं रखते हैं विशेष कृपा, ये उपाय जल्दी देंगे शुभ फल

Written by:Sanjucta Pandit
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Last Updated:
इन 2 राशियों पर शनि देव बनाएं रखते हैं विशेष कृपा, ये उपाय जल्दी देंगे शुभ फल

Shani Dev : शनि ग्रह को नवग्रहों में महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शनि भगवान को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि के राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है। किसी राशि के जातकों के लिए शनि राशि परिवर्तन का सकारात्मक असर पड़ता है तो किसी राशि के लिए ये समय काफी अशुभ माना जाता है। शनि महाराज के प्रकोप से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाए करते हैं  लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव की कृपा इन 2 राशियों पर सदैव विशेष कृपा बनी रहती है।

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दोनों राशियों पर महादेव की भी रहती है कृपा

शनि देव के अलावा, दोनों ही राशियों पर महादेव भी सदैव मेहरबान रहते हैं। जिसके कारण इन राशि के जातकों पर आने वाली सारी विपत्ति टल जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन राशि के जातकों को हमेशा शनि देव और भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते रहना चाहिए ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो। आइए विस्तार से जानें यहां…

मकर राशि

मकर राशि के स्वामी शनि देव होते हैं। इसके अनुसार, मकर राशि के जातकों पर भगवान शिव और शनिदेव की विशेष कृपा होती है। शनि देव को कर्मफल के प्रदाता और दंडाधिकारी माना जाता है और उनकी विशेष कृपा से मकर राशि के जातकों को आत्मविश्वास और समर्पण मिलता है, जो उन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद कर सकता है। मकर राशि के जातकों को निरंतर भगवान शनि देव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और मंत्रोच्चारण करना चाहिए जैसे “ॐ शं शनैश्चराय नमः”, “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” “ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌॥”

कुंभ राशि

कुंभ राशि के स्वामी भी शनि देव होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव के प्रभाव से कुंभ राशि के जातकों पर सदैव उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। इसलिए इस राशि के जातक शनि देव की पूजा, आराधना और मंत्र जप कर सकते हैं। इसके अलावा, कुंभ राशि के जातकों के लिए दान करना शुभ माना गया है। दान करने से अंतरात्मा में ऊर्जा और शुद्धि की वृद्धि होती है। साथ ही, धन के लाभ का भी योग बनता है। इसके अलावा, नियमित “ॐ शं शनैश्चराय नमः”, “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”, “ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌। छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌॥” का जप करें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)