शनि देव की इस विधि से करें पूजा, दूर होंगी बाधाएं, जीवन में आएगी सुख-शांति

Sanjucta Pandit
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Shani Dev Puja Vidhi : शनि देव हिन्दू धर्म में प्रमुख देवता हैं। वे ग्रहों में शनि ग्रह के स्वामी हैं इसलिए उन्हें न्याय, कर्म, धर्म और संघर्ष का प्रतीक माना जाता है। शनि देव को व्यक्ति के जीवन में संशोधन, सुधार, धैर्य और समर्थन का भी प्रतीक माना जाता है। वे कठिन परिस्थितियों में भी सहायता करते हैं और धर्म के माध्यम से मानवता को सिखाते हैं। इनकी पूजा, मंत्र, स्तोत्र, व्रत और उनकी उपासना से लोगों को उनके कष्टों को कम करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का मौका मिलता है। वहीं, शनिवार को उनकी पूजा करने से आपकी सारी बाधाएं दूर होंगी। आइए जानें विस्तार से…

Shani Dev Angry Reasons

पूजन सामग्री

  • शनि देव की मूर्ति या चित्र
  • गंगाजल
  • दीपक
  • तेल
  • गुड़
  • काले तिल
  • उड़द की दाल
  • काला वस्त्र
  • धूप
  • अगरबत्ती
  • धारा
  • फूल
  • फल
  • नैवेद्य (प्रसाद)
  • पंचामृत (दही, दूध, घी, शहद, गंगाजल)

शनि देव की पूजा

  • पूजा की शुरुआत में संकल्प करें।
  • पूजा स्थल में शनि देव का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
  • गंगाजल से पूजा स्थल को शुद्ध करें।
  • अवहन और प्राण-प्रतिष्ठा: शनि देव को अवहन करें और मन्त्रों के साथ उन्हें प्राण-प्रतिष्ठा करें।
  • शनि देव को तिल, उड़द की दाल, काले तिल, गुड़, तेल, धूप, दीप, फूल, पंचामृत, नैवेद्य, धारा, आदि से पूजें।
  • इस दौरान आप “ॐ शं शनैश्चराय नमः” और अन्य शनि मंत्रों का भी जाप करें।
  • इसके अलावा, आप शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
  • जिसके बाद शनि देव की आरती गाएं और दीप दिखाएं।
  • पूजा के बाद प्रसाद बाँटें और सभी को भोजन का आमंत्रण दें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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