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Thu, Dec 18, 2025

शनि देव से जुड़ी अनसुनी बातें, इन 5 देवी-देवता के नाम से हो जाते हैं भयभीत

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
ऐसी मान्यता है कि पूजा करते वक्त उनकी आंखों में देखने से जातकों के जीवन में परेशानी आ सकती है। इसलिए लोग पूजा करते वक्त उनसे नजरें नहीं मिलाते।
शनि देव से जुड़ी अनसुनी बातें, इन 5 देवी-देवता के नाम से हो जाते हैं भयभीत

Shani Dev : हिंदू धर्म में शनि देव को सबसे अधिक गुस्से वाला देवता माना जाता है। शनि देव हर किसी को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। वह एक राशि में करीब ढाई साल तक गोचर करते हैं। हर शनिवार को उनकी पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि उनके कुदृष्टि से बच सके। इन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। शनि महाराज को काला रंग अति प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि पूजा करते वक्त उनकी आंखों में देखने से जातकों के जीवन में परेशानी आ सकती है। इसलिए लोग पूजा करते वक्त उनसे नजरें नहीं मिलाते। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि मंदिर में मिले शनि भगवान के प्रसाद को बाहर ही खाकर हाथ धोकर घर के अंदर प्रवेश करना चाहिए।

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शनि देव की अनसुनी बातें

हर कोई यह बात बहुत अच्छे से जानता है कि शनि देव से सभी डरते हैं, लेकिन शास्त्रों में ऐसे 5 देवी-देवताओं के नाम बताए गए हैं, जिनसे शनि देव भी डरते हैं। यह सुनने में काफी आश्चर्यजनक है, लेकिन यह सच है उनके प्रकोप से बचने के लिए अक्सर लोग उन देवी-देवताओं के पास जाते हैं, ताकि शनि देव की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचा जा सके।

इन देव-देवता से डरते हैं भगवान शिव

  • पौराणिक कथाओं में इस बात का जिक्र किया गया है कि शनि देव भगवान शिव, राम भक्त हनुमान, भगवान श्री कृष्ण, पीपल के पेड़ और अपनी पत्नी से काफी ज्यादा डरते हैं। शनि देव को लेकर ऐसी कथाएं प्रचलित है कि भगवान शिव ने शनि को सबक सिखाने के लिए उनपर प्रहार किया था। तब से ही वह उनसे काफी ज्यादा भयभीत रहते हैं, इसलिए अगर आप शनि देव के प्रकोप से बचना चाहते हैं, तो भगवान शिव की आराधना करें।
  • वहीं, हनुमान से भी शनि देव काफी ज्यादा भयभीत होते हैं। इसलिए शनिवार के दिन शनि महाराज की पूजा करने के साथ-साथ हनुमान चालीसा का भी पाठ किया जाता है।
  • इसके अलावा, भगवान श्री कृष्ण से शनि देव काफी ज्यादा डरते हैं क्योंकि वह उनके परम भक्त थे। इसलिए वह उनसे डरते भी हैं। इसके साथ ही, उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को यह वचन दिया था कि अच्छे कर्म करने वाले कृष्ण भक्तों पर उनकी साढ़ेसाती और ढैय्या का असर नहीं होगा।
  • धार्मिक ग्रंथो में यह बताया गया है कि शनि देव का विवाह गंधर्व चित्ररथ की पुत्री से हुआ था जो कि काफी उग्र स्वभाव वाली थी। ऐसे में भगवान शनि हमेशा कृष्ण भक्ति में लीन रहते थे। एक बार उनकी पत्ती ऋृतु स्नान के बाद शनि देव के पास गई और संतान प्राप्ति की इच्छा जताई, लेकिन शनि देव पर इसका कोई असर ना हुआ। तब उनकी पत्नी ने क्रोध में आकर श्राप दे दिया कि शनि देव जिसे भी देखेंगे वह नष्ट हो जाएगा।
  • इसके अलावा, शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए भक्त पीपल के पेड़ का सहारा ले सकते हैं, क्योंकि एक बार ऋषि पिप्लाद ने पीपल के पेड़ के नीचे तप कर रहे ब्रह्मा से ब्रह्मांड मांगा। इसके बाद उन्होंने शनि देव पर प्रहार किया, जिस कारण उनका पैर टूट गया। इसलिए शनि देव को पीपल से भी काफी ज्यादा डर लगता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)