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Sun, Dec 21, 2025

Shani Jayanti 2023 : शनि जयंती पर इस तरह करें पूजा, दूर होंगे कष्ट और जीवन में आएगी समृद्धि

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
Shani Jayanti 2023 : शनि जयंती पर इस तरह करें पूजा, दूर होंगे कष्ट और जीवन में आएगी समृद्धि

Shani Jayanti 2023 : आज शनि जयंती है। मान्यतानुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनिदेव का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में शनिदेव को कर्मफलों के नियंत्रक और धर्मरक्षक के रूप में माना जाता है। आज के दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु उनकी पूजा, व्रत और मंत्र जाप करते हैं। लोग शनि मंदिरों में जाकर उनके चरणों में फूल, दीपक और नैवेद्य चढ़ाते हैं। मंदिरों में विशेष पूजन और भजन संध्या का भी आयोजन होता है।

ऐसे करें पूजन

शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा करने के लिए शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीया जलाएं। शनि पूजा के लिए कलश, दीपक, तिल, , पुष्प रखें। उन्हें काली दाल, उड़द के लड्डू का भोग, बेसन के लड्डू और काले वस्त्र दान करना चाहिए। इस दिन विधि विधान से पूजा करने से शनिदेव की विशेष कृपादृष्टि रहती है। जिनके साथ शनिकृत पीड़ा चल रही हो, इस दिन पूजा करने से उनके कष्ट निवारण हो सकते हैं। मान्यता है कि शनिदेव के प्रसन्न होने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और मकान, संपत्ति, वाहन, सोना चांदी आदि मिल सकता है।

शनिदेव से जुड़ी कहानी

एक समय की बात है, एक गांव में एक गरीब लोग रहते थे जिनका नाम रामचंद्र था। रामचंद्र और उसकी पत्नी जीवन में दुखों और कठिनाइयों से जूझ रहे थे। उन्हें संकटों का सामना करना पड़ता था और उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर थी। एक दिन, रामचंद्र को एक पंडित ने बताया कि उनकी सभी समस्याओं का हल शनिदेव (शनि ग्रह) की पूजा करने में है। पंडित ने रामचंद्र को शनिदेव की पूजा करने के लिए निर्देश दिए और उन्हें आशीर्वाद दिया कि शनिदेव की कृपा से उनकी सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।

रामचंद्र ने पंडित की सलाह मानते हुए शनिदेव की पूजा करने की शुरुआत की। वह हर शनिवार को शनिदेव के मंदिर में जाते और उन्हें नियमित रूप से तेल, मिष्ठान्न, दीपक, फूल चढ़ाते और प्रार्थना करते। रामचंद्र की भक्ति ने शनिदेव को प्रसन्न कर दिया और उनकी आराधना को स्वीकार किया। कुछ ही सप्ताहों में रामचंद्र और उसकी पत्नी की जिंदगी में बदलाव आया और उन्हें धन धान्य की प्राप्ति हुई और वो सुख से अपना जीवन जीने लगे।

(डिस्क्लेमर : ये लेख धार्मिक व सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं)