आज शनि जयंती है जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस बार 27 में यानी कि आज शनि जयंती मनाई जा रही है। दरअसल ये ग्रहों के राजा सूर्य और देवी छाया के पुत्र भगवान शनि देव का जन्मदिन है।
आज का दिन उन लोगों के लिए बहुत खास है जो शनि की साढ़ेसाती या फिर ढैया का सामना कर रहे हैं। अगर इस दिन यह लोग विधिवत पूजन आसन करें तो इन्हें शनिदेव से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन किया गया दान पुण्य जीवन की परेशानियों से छुटकारा दिलाता है। चलिए आज हम आपको शनि जयंती पर पूजन के मुहूर्त, विधि, भगवान को क्या भोग लगाना है और क्या उपाय किया जा सकता है यह बताते हैं।
शनि जयंती की पूजन (Shani Jayanti 2025)
शनि जयंती पर सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। इसके बाद आपको व्रत का संकल्प लेना होगा। अब शनि देव के पैरों का दर्शन करें और उन्हें सरसों का तेल अर्पित करें। अब आपको काला तिल और नीले रंग का पुष्प अर्पित करना है और शनि देव की आरती करनी है।
क्या है पूजन का मुहूर्त
आज सुबह 11:51 से दोपहर 12:46 तक अभिजीत मुहूर्त में पूजन की जा सकती है। इसके बाद दोपहर 2:36 से 3:31 तक विजय मुहूर्त है जिसमें पूजन किया जा सकता है। दोपहर 12 बजे से पूरे दिन अमृत काल रहने वाला है।
लगाएं इन चीजों का भोग
भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए आप उन्हें काली दाल की खिचड़ी, गुड़ चना, मालपुए और तेल में बने पकवानों का भोग लगा सकते हैं। इन सारी चीजों से वह प्रसन्न होते हैं।
इन चीजों का दान
आज के दिन दान पुण्य का विशेष महत्व है। अगर आप काली उड़द की दाल, काले तिल, सरसों का तेल, लोहे की वस्तु, जूते चप्पल या काले वस्त्रो का दान करते हैं तो शनि देव प्रसन्न होते हैं।
करें ये उपाय
- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सरसों का तेल अर्पित करना बिल्कुल ना भूलें।
- आज के दिन काले वस्त्र धारण करने का विशेष महत्व माना गया है।
- लोहा, उड़द दाल और काले तिल का दान किसी गरीब को या फिर मंदिर में जाकर कर सकते हैं।
- जरूरतमंद लोगों को छाता, वस्त्र और जूते जैसी चीजों का दान जरूर करें।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।





