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Sat, Dec 6, 2025

शनिदेव को कौन सा फूल सबसे ज़्यादा पसंद है? शनिवार को ये अर्पित करोगे तो बदलेगी किस्मत

Written by:Bhawna Choubey
शनिवार की पूजा में सही फूल अर्पित करने से शनिदेव की कृपा जल्दी मिलती है। कई लोग जानते ही नहीं कि शनिदेव को कौन सा फूल पसंद है। सही फूल चढ़ाने से कष्ट कम होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
शनिदेव को कौन सा फूल सबसे ज़्यादा पसंद है? शनिवार को ये अर्पित करोगे तो बदलेगी किस्मत

शनिवार का दिन आते ही लोग शनिदेव (shanidev) की पूजा विशेष श्रद्धा के साथ करते हैं। मान्यता है कि यदि शनिदेव की पूजा मन से की जाए, तो जीवन के कष्ट कम होते हैं और बाधाएं दूर होती हैं। लेकिन ज्यादातर लोग एक सवाल में उलझे रहते हैं, आखिर शनिदेव को कौन से फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है? पूजा में कौन सा फूल सबसे ज्यादा असर दिखाता है?

हमने ज्योतिषाचार्यों और धार्मिक ग्रंथों में लिखी जानकारी के आधार पर यह विस्तार से जाना कि शनिदेव को कौन-कौन से फूल पसंद हैं और उन्हें अर्पित करने का क्या महत्व है। कई बार पूजा तो लोग कर लेते हैं, लेकिन सही सामग्री, खासकर फूल, न चढ़ाने के कारण पूजा अधूरी रह जाती है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं वो पांच फूल, जो शनिदेव को सबसे प्रिय माने जाते हैं और शनिवार के दिन अर्पित करने से जल्दी शुभ फल मिलता है।

शनिवार की पूजा में सही फूल क्यों जरूरी हैं?

धार्मिक मान्यताओं में बताया गया है कि शनिदेव कर्म के न्यायाधीश हैं। जीवन में जो भी समस्याएं, काम में रुकावट, धन की कमी, पारिवारिक तनाव, बीमारी, या शत्रु बाधा ये सब शनि की स्थिति से प्रभावित होती हैं। ऐसे में पूजा में सही फूल अर्पित करना शनिदेव को प्रसन्न करने का एक सीधा और सरल तरीका माना गया है।

सही फूल चढ़ाने से मन की ऊर्जा भी बदलती है और व्यक्ति के कामों में स्थिरता और सफलता मिलती है। खासकर काला तिल, सरसों तेल, नील वस्त्र, और इन विशेष फूलों का महत्व शनिवारी पूजा में अलग ही माना जाता है।

शनिदेव को कौन-कौन से फूल सबसे ज्यादा प्रिय हैं?

1. नीला कमल

नीला कमल शनिदेव से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण फूल माना जाता है। इसकी नीली आभा शनि ग्रह के शांत, गंभीर और न्यायप्रिय स्वरूप का प्रतीक है। शनिवार को नीला कमल चढ़ाने से व्यक्ति की परेशानियां धीरे-धीरे कम होती हैं और शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है। यह पूजा को पूर्ण फल देने वाला पुष्प माना जाता है।

2. नीली अपराजिता

अपराजिता फूल अपने नाम की तरह ही अजेयता का प्रतीक है। शनिवार की पूजा में नीली अपराजिता चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में रुके हुए कार्य गति पकड़ते हैं। मान्यता है कि शनि दोष या ढैय्या चल रही हो तो अपराजिता का फूल चढ़ाने से राहत मिलती है।

3. शमी के पत्ते

शमी का पेड़ शनि ग्रह का प्रतीक माना गया है। इसके पत्ते चढ़ाने से शनि दोष शांत होता है और मानसिक शांति मिलती है। जिन लोगों की कुंडली में शनि प्रबल रूप से परेशान कर रहा हो, उनके लिए शमी पत्र अर्पण करना सबसे प्रभावी माना जाता है।

4. काला गुलाब

काला गुलाब शनिदेव के भक्तों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इसका गहरा रंग शनि की गहनता और स्थिरता को दर्शाता है। शनिवार की पूजा में काला गुलाब चढ़ाने से अचानक आने वाली रुकावटें कम होती हैं और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं।

5. काले सूरजमुखी के बीज वाला फूल

यह फूल बहुत दुर्लभ होता है, लेकिन शनि पूजा में इसका महत्व काफी अधिक है। माना जाता है कि काले बीज वाला सूरजमुखी अर्पित करने से व्यक्ति के भीतर का डर, तनाव और अस्थिरता कम होती है। यह शनिदेव की विशेष कृपा आकर्षित करने वाला पुष्प माना जाता है।

पूजा कैसे करें? शनिवार के दिन इन फूलों का सही उपयोग

शनिवार की सुबह स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर शनिदेव के मंदिर जाना चाहिए। तेल का दीपक जलाकर पहले काला तिल और सरसों तेल अर्पित करते हैं। इसके बाद इन विशेष फूलों को अलग-अलग भावना के साथ चढ़ाया जाता है।