शारदीय नवरात्रि के त्यौहार का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व माना गया है। ये ऐसा समय होता है जब माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजन अर्चन की जाती है। इस दौरान लोग विधि पूर्वक व्रत भी रखते हैं और माता की आराधना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि माता दुर्गा की उपासना से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं।
शारदीय नवरात्रि में माता की पूजन करने के साथ कन्या पूजन का भी विशेष महत्व माना गया है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व है। इस दौरान कन्या पूजन किया जाता है। कहते हैं कि जो कन्या पूजन करता है उसके जीवन में खुशियों का आगमन होताहै। चलिए जान लेते हैं कि महाष्टमी और महानवमी कब है और इनका शुभ मुहूर्त क्या है।
शारदीय नवरात्रि की तारीख (Shardiya Navratri 2025)
वैदिक पंचांग के मुताबिक आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर की रात 1:23 पर शुरू होगी। इसका समापन 23 सितंबर की रात 2:55 पर होगा। उदया तिथि के मुताबिक 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत मानी जाएगी।
दुर्गाष्टमी कब है
नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी 30 सितंबर को मनाई जाने वाली है। स्थिति की शुरुआत 29 सितंबर की शाम 4:31 पर होगी और यह 30 सितंबर की शाम 6:06 पर खत्म होगी।
महानवमी का मुहूर्त
महानवमी का पाव 1 अक्टूबर को मनाया जाएगा और विधि विधान से कन्या पूजन होगी। स्थिति की शुरुआत 30 सितंबर शाम 6:06 पर होगी और समापन 1 अक्टूबर की रात 7:01 पर होगा।
इन बातों का रखें ध्यान
शारदीय नवरात्रि में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है ताकि माता को प्रसन्न किया जा सके-
- याद रखें कि आपको अष्टमी और नवमी तिथि पर अपने घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई का ध्यान रखना है।
- पूजा करते समय कभी भी काले रंग के कपड़े ना पहने।
- इस दौरान किसी के बारे में गलत ना सोचो ना ही बाद में बात करें।
- घर के बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का सम्मान करें। इनका अपमान करने से माता नाराज होती हैं।
- शारदीय नवरात्रि के दौरान विशेष कर जिस दिन घर में पूजन हो तामसिक भोजन का सेवन न करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।





