शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी 22 अक्टूबर को, जरूर करें ये 4 खास उपाय, माँ दुर्गा होंगी प्रसन्न, होगा धनलाभ, दूर होंगे सारे कष्ट

Manisha Kumari Pandey
Published on -
navratri 2023

Shardiya Navratri 2023: 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इसका समापन 23 अक्टूबर को होने जा रहा है। वैसे तो नवरात्रि के नौ दिन 9 दिन काफी शुभ होते हैं। लेकिन महाष्टमी (Mahashtami 2023) का विशेष महत्व होता है। इस दिन माता के 8वें स्वरूप मां महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है। इस स्वरूप को ममता की मूरत माना जाता है। जो भी सच्चे मन से माँ महागौरी की पूजा-अर्चना करता है। उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। है जीवन के कष्ट दूर होते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन कुछ उपायों को करना शुभ माना जाता है। ऐसे करने से लाभ होता है।

लौंग की माला चढ़ाएं

इस दिन मां दुर्गा को लौंग की माल के साथ गुलाब का फूल चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती। कष्ट दूर होते हैं। सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।

तुलसी से जुड़ा खास उपाय

दुर्गा अष्टमी के दिन तुलसी पौधे के सामने 9 दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद परिक्रमा करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति आती है। नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। क्लेश खत्म होता है। घर में देवी लक्ष्मी का वास होगा।

अर्पित करें ये चीजें

माता रानी को इस दिन चुनरी में एक सिक्का बताशा रखकर अर्पित करें। ऐसा करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती है। आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

धन लाभ के लिए

इस दिन एक गुलाब के फूल में कपूर जलाकर माँ दुर्गा की आरती करें। ऐसा करने से अटका हुआ धन वापस आता है। धन लाभ होता है। आर्थिक समस्याएं खत्म होती हैं।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News