Shravan Amavasya 2023: 16 अगस्त को श्रावण अधिक मास मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथियों का बेहद ही खास महत्व होता। करीब 19 साल बाद अधिक मास, श्रावण मास और अमावस्या का संयोग बन रहा है। बता दें कि हर 3 साल पर अधिक मास पड़ता है, इसे पुरुषोत्तम मास और मलमास के नाम से भी जाना जाता है। अमावस्या तिथि के साथ पुरुषोत्तम मास का समापन होने वाला है। इस दिन भगवान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है। 15 अगस्त मंगलवार दोपहर 12:42 बजे अमावस्या तिथि का आरंभ होगा वहीं 16 अगस्त बुधवार दोपहर 3:07 बजे इसका समापन होगा। श्रावण मास भगवान शिव को बेहद ही प्रिय होता है। वहीं अमावस्या तिथि को पितरों के लिए महत्वपूर्ण दिन माना जाता है इस दिन कुछ उपायों को करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशहाली आती है।
भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न
इस दिन शिव की पूजा-आराधना श्रद्धा और भक्ति भाव से करें। पूजा के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल, कच्चा दूध, काली तेल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद आंक के फूल और सफेद मिठाई का भोग अर्पित करें।
धन लाभ के लिए
धन लाभ और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक पंचामृत से करें।
सूर्य को दें अर्घ्य
श्रावण अमावस्या के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन इस दिन नदी तट पर जाकर पितरों के नाम पर तर्पण करें।
मनोकामना पूर्ति के लिए
संध्या काल में भगवान शिव के मंदिर में गाय कर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इस दौरान लाल रंग के धागे की बत्ती का इस्तेमाल करें। इसके लिए दीपक में थोड़ा सा केसर डालें। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं धन और समृद्धि में वृद्धि होती है और मनोकामनाएं की पूर्ति होती।
घर परिवार में खुशहाली के लिए
श्रावण अमावस्या के दिन गरुड़ पुराण, गजेंद्र मोक्ष, पितृ स्तोत्र, गायत्री मंत्र, पितृ कवच और श्रीमद्भगवत गीता का पाठ करना बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर परिवार में खुशहाली आती है और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)