Sita Navami 2023: आज मनाई जा रही सीता नवमी, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व

Sanjucta Pandit
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Sita Navami 2023

Sita Navami 2023 : सीता नवमी का त्योहार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार हर साल अप्रैल या मई महीने में मनाया जाता है। इस साल (2023) सीता नवमी का त्योहार 29 अप्रैल यानि आज शनिवार को मनाया जा रहा है। इस दिन मां सीता की पूजा से न केवल धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है बल्कि मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है। आइए जानें इस दिन का महत्व, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त यहां…

सीता नवमी शुभ मुहूर्त

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 28 अप्रैल 2023 को दोपहर 04 बजकर 01 मिनट पर शुरू हुआ है और अगले दिन 29 अप्रैल यानि कि आज को शाम 06 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन मां सीता के जन्म की उत्सव मनाया जाता है।

  • मां सीता की पूजा का समय – सुबह 11 बजकर 06 – दोपहर 01 बजकर 43 (29 अप्रैल 2023)
  • पूजा अवधि – 02 घंटे 38 मिनट
  • सीता नवमी मध्याह्न का क्षण – 12:24 PM

सीता नवमी पूजा विधि

  1. पूजा की तैयारी के लिए सभी सामग्री जैसे कलश, दीपक, पूजनीय पदार्थ, फूल आदि एकत्र करें।
  2. पूजा की शुरुआत में कलश स्थापित करें। कलश में गंगाजल, फूल, सुपारी, नारियल, अक्षत आदि डालें।
  3. पूजा के दौरान मां सीता का पूजन करें। सीता माँ की मूर्ति को सजाएं और उन्हें फूलों से अर्पित करें।
  4. पूजा के अंत में प्रार्थना करें और दीपक की आरती उतारें।
  5. पूजा के बाद प्रसाद बांटें और अपने परिवार और दोस्तों को भी दें।

सीता नवमी व्रत

सीता नवमी व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और इस दिन कई लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं। व्रत के दौरान भक्त रोज की जिंदगी से दूर होते हुए सीता माता को याद करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। उन्होंने धैर्य, संयम और सबुरी के गुणों का अनुसरण किया था जिससे भक्त को भी इन गुणों को अपने जीवन में लागू करने का प्रेरणा मिलता है। इस व्रत के दौरान भक्तों को शांति, सुख, संतुलन और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

  1. सीता नवमी व्रत की तैयारी करते समय भक्त को शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
  2. व्रत के दिन भक्त को जल नहीं पीना चाहिए। निर्जला व्रत के दौरान भी भक्त को ज्यादा थकान न होने देनी चाहिए तथा अत्यधिक श्रम से बचना चाहिए।
  3. भक्त को सीता माता की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए उन्हें सुबह समय निकालकर नियमित रूप से पूजन करना चाहिए। पूजन के लिए भक्त को दीपक, अगरबत्ती, फूल, गंध, नैवेद्य और अन्य पूजन सामग्री की जरूरत होगी।
  4. भक्त को सुबह स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद व्रत के दौरान ध्यान और मंत्र जप करना चाहिए।

सीता नवमी का महत्व

सीता नवमी को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन मां सीता की पूजा की जाती है और महिलाएं उनकी कृपा और आशीर्वाद के लिए व्रत रखती हैं।

इस त्योहार का महत्व रामायण के कुछ अनुच्छेदों से जुड़ा हुआ है। रामायण के अनुसार, सीता जी भगवान राम की पत्नी थीं और उन्होंने अपने पति के साथ बहुत से कठिनाईयों का सामना किया। सीता जी के अपहरण के बाद, भगवान राम ने हनुमान जी की मदद से उन्हें लंका से बचाया था। सीता जी ने अपने धैर्य, संयम और त्याग के लिए जानी जाती हैं।

सीता नवमी के दिन मां सीता की पूजा करने से विवाहित महिलाएं अपने पति के लंबे जीवन की कामना करती हैं। इस दिन का व्रत रखने से संतान की प्राप्ति और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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