धर्म, डेस्क रिपोर्ट। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सीता नवमी (Sita Navami) का विशेष महत्व होता है और इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भी मशहूर है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पूरे देश सीता नवमी मनाई जाती है। यह नवमी रामनवमी से लगभग एक महीने बाद पड़ती है। कहा जाता है कि इसी तारीख पर माता सीता प्रकट हुई थी, इस तिथि को सीता नवमी और जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सीता नवमी का महिलाओं के लिए विशेष महत्व होता है, इस दिन सुहागन महिलाएं व्रत रखती हैं और माता जानकी की पूजा-अर्चना भी करती।
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पौराणिक कथाओं ने अनुसार इस दिन जो भी महिला व्रत रखती हैं, उन्हें सौभाग्य का वरदान मिलता है और उनके पति की लंबी आयु का वरदान भी मिलता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस तिथि को लक्ष्मी स्वरूप माता सीता धरती पर प्रकट हुई थी, माना जाता है की उनका जन्म किसी के गर्भ से नहीं बल्कि धरती के अंदर हुआ। जब राजा जनक खेत में हल चल रहें थे तो सीता प्रकट हुई थी, जिनका विवाह भगवान राम से हुआ था, जो भगवान विष्णु के अवतार भी माने जाते हैं।
जाने शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सीता नवमी 10 मई 2022 मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। हालांकि इसकी शुरुआत 9 मई शाम 6:32 से होगी जो 7:23 शाम मंगलवार को खत्म हो जाएगी, लेकिन उदयतिथि के आधार पर 10 मई को सीता नवमी मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:57 मिनट से लेकर दोपहर 1:38 तक होगा। तो वहीं क्षण का मुहूर्त 12:18 दोपहर पर बताया जा रहा है।
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