Sat, Dec 27, 2025

5 मई को मनाई जाएगी सीता नवमी, इन चीजों का करें दान, मिलेगा मनचाहा वरदान

Written by:Sanjucta Pandit
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सनातन धर्म में इस व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। कुछ लोग इस व्रत को निर्जला भी रखते हैं। पूजा के दौरान मां सीता को याद करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
5 मई को मनाई जाएगी सीता नवमी, इन चीजों का करें दान, मिलेगा मनचाहा वरदान

सीता नवमी का त्योहार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार हर साल अप्रैल या मई महीने में मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सीता की पूजा से धन, दौलत और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है। इस दिन दान करना भी पुण्य का कार्य माना जाता है। इस दिन दान करने से भक्तों को मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।

सनातन धर्म में इस व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। कुछ लोग इस व्रत को निर्जला भी रखते हैं। पूजा के दौरान मां सीता को याद करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।

शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, वैशाख शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 5 मई को सुबह 7:36 पर शुरू होगा। जिसका समापन अगले दिन यानी 6 मई को सुबह 8:39 पर होगा। ऐसे में 5 मई के दिन सीता नवमी मनाई जाएगी।

इन चीजों का करें दान

  • इस दिन जरूरतमंद और गरीबों में अन्न व वस्त्र का दान करना बहुत ही ज्यादा फलदाई माना जाता है। आप इस दिन चावल, गेहूं, दाल, आटा, आदि का दान कर सकते हैं। इसके अलावा, नए और साफ वस्त्रों का दान करना भी शुभ माना जाता है।
  • इस दिन आम, खरबूज, तरबूज, पेड़ा, बर्फी, खीर, आदि का दान करना भी शुभ है। जरूरतमंदों में इन चीजों का दान करने से घर में सुख और शांति आती है। साथ ही पारिवारिक रिश्तों में भी मधुरता आती है।
  • ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान जैसे कुमकुम, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, आदि दान करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।
  • मिट्टी के बर्तन का दान करना भी शुभ है। आप इस दिन प्यासे लोगों को पानी भी पिला सकते हैं या फिर घड़ा आदि का दान कर सकते हैं, जिससे जीवन में शीतलता आएगी।

पूजा विधि

  • पूजा की तैयारी के लिए सभी सामग्री जैसे कलश, दीपक, पूजनीय पदार्थ, फूल आदि एकत्र करें।
  • पूजा की शुरुआत में कलश स्थापित करें।
  • कलश में गंगाजल, फूल, सुपारी, नारियल, अक्षत आदि डालें।
  • पूजा के दौरान मां सीता का पूजन करें। सीता माँ की मूर्ति को सजाएं और उन्हें फूलों से अर्पित करें।
  • पूजा के अंत में प्रार्थना करें और दीपक की आरती उतारें।
  • पूजा के बाद प्रसाद बांटें और अपने परिवार और दोस्तों को भी दें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)