सोमवार को शिवजी का दिन माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से मन की बेचैनी तक दूर हो सकती है? ये स्तोत्र सिर्फ एक मंत्र नहीं, बल्कि एक ऐसी शक्ति है जो आपके जीवन की उलझनों को सुलझा सकती है। आइए जानें इसके पीछे की मान्यता और असर।
सोमवार के उपाय की बात करें तो शिव तांडव स्तोत्र का नाम सबसे ऊपर आता है। यह स्तोत्र रावण द्वारा लिखा गया था, जब उसने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए अपने बल का प्रदर्शन किया था। यह स्तोत्र शिव की महिमा और उनके तांडव रूप का वर्णन करता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इसे श्रद्धा और नियम से हर सोमवार पढ़ता है, उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं।

कई भक्तों का मानना है कि इसके पाठ से ना सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है। शिव तांडव स्तोत्र की हर पंक्ति शिव की शक्ति और सौंदर्य का बखान करती है, जिससे पाठ करने वाले के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होता है।
सोमवार के दिन शिव तांडव स्तोत्र पढ़ने के फायदे
सोमवार की सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और घर के मंदिर में शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाएं। इसके बाद दीपक जलाकर “शिव तांडव स्तोत्र” का पाठ करें। विशेषज्ञों के अनुसार, शिव तांडव स्तोत्र का प्रभाव मानसिक स्थिति पर बहुत गहरा पड़ता है। यह मन को शांत करता है और ध्यान की शक्ति बढ़ाता है।
इसके अलावा जो लोग स्वास्थ्य समस्याओं, नौकरी या पारिवारिक तनाव से गुजर रहे हैं, उनके लिए यह उपाय राहत देने वाला हो सकता है। धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है कि तांडव स्तोत्र शिव को प्रसन्न करने का सबसे शक्तिशाली मार्ग है।
कैसे बदली स्तोत्र पाठ से ज़िंदगी
भोपाल की पूजा वर्मा बताती हैं, “मैं पिछले छह महीने से हर सोमवार शिव तांडव स्तोत्र पढ़ती हूं। पहले तनाव और नेगेटिव सोच से बहुत परेशान थी, लेकिन अब काफी फर्क महसूस होता है।”
इसी तरह इंदौर के आयुष श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने जब से इस स्तोत्र को पढ़ना शुरू किया है, उनके करियर में रुकावटें कम हुई हैं।
इन अनुभवों से साफ है कि यह सिर्फ एक धार्मिक पाठ नहीं, बल्कि एक मानसिक चिकित्सा जैसा असर करता है।
ध्यान रखें ये बातें
- हमेशा साफ मन और जगह से पाठ करें
- पाठ के दौरान मन में श्रद्धा और एकाग्रता रखें
- पाठ के बाद शिवजी से प्रार्थना करें और मौन रहें कुछ क्षण
- संभव हो तो “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप भी करें