Surya Grahan 2025: 29 मार्च यानी आज साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण का यह संयोग शनि अमावस्या के दिन पड़ रहा है। एक साथ इन दोनों चीजों का होना ज्योतिष की दृष्टि से काफी खास बताया जा रहा है। अमावस्या, शनि और सूर्य का एक ही दिन पर मिलना अलग-अलग योग निर्मित करेगा, जिससे हर राशि पर अलग प्रभाव पड़ने वाला है।
सूर्य ग्रहण असर भारत में तो नहीं दिखाई देगा लेकिन अन्य देशों में इसका असर जरूर होगा। ग्रहण को लेकर ज्योतिष में कई सारे नियम कायदे बताए गए हैं, जिनका पालन किया जाता रहा है। चलिए हम आपको बता देते हैं कि ग्रहण के समय किन चीजों का दान करना चाहिए और किन चीजों से दूर रहना चाहिए।

सूर्य ग्रहण का समय (Surya Grahan 2025)
सूर्य ग्रहण 29 मार्च दोपहर 2:20 बजे से शुरू होगा और शाम 6:16 बजे तक चलेगा। भारत में यह ग्रहण मान्य नहीं है और इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा। इस दिन चैत्र अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है इसलिए कुछ चीजों के दान का विशेष महत्व माना गया है।
इन चीजों का करें दान
काली वस्तु
अमावस्या पर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काली चीजों का दान किया जा सकता है। आप किसी भी व्यक्ति को काले वस्त्र, जूते, छाता, तिल जैसी चीजों का दान कर सकते हैं। इससे कर्मफल के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने का काम करते हैं।
सरसों का तेल
अमावस्या पर सरसों के तेल का दान करना उत्तम माना गया है। इससे शनि की बुरी दृष्टि का प्रभाव कम होता है और शुभ परिणाम मिलते हैं।
अनाज का दान
ज्योतिष में अनाज के दान का विशेष महत्व बताया गया है। अमावस्या के दिन किसी निर्धन को गेहूं, चावल, दाल जैसे अनाज का दान जरूर करें। ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और संकट दूर होते हैं। गुड़ के दान का भी आज विशेष महत्व है।
वस्त्र
ऐसा कहा जाता है की अमावस्या के दिन अगर हम किसी जरूरतमंद को वस्त्रों का दान कर रहे हैं तो हम अपने पितरों तक वस्त्र पहुंचा रहे हैं। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आर्थिक संपन्नता मिलती है।
इन चीजों से रहें दूर
- आज ग्रहों के राजा सूर्य, कर्मफल के दाता शनि और पितरों की तिथि अमावस्या एक साथ मिलकर संयोग बना रहे हैं। ऐसे में क्रोध, अहंकार और लोभ से दूर रहना जरूरी है। इससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगेंगे।
- सूर्य ग्रहण या किसी भी ग्रहण के समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। ऐसे में विवाह, गृह प्रवेश, सूरज पूजन, मुंडन, जनेऊ जैसे संस्कार नहीं किए जाते।
- ग्रहण के समय व्यक्ति को सोना नहीं चाहिए और ना तो भोजन बनाना चाहिए ना ही ग्रहण करना चाहिए।
- इस दिन नकारात्मक विचारों से जितना दूर रहेंगे उतना अच्छा होगा। सकारात्मक विचार रहेंगे तो जीवन में भी सकारात्मकता आएगी।
- इस दिन बड़े बुजुर्गों की सेवा करें उनका अपमान ना करें। निर्धन और जरूरतमंदों की जरूरत को पूरा करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होंगे।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।