Surya Grahan: बुधवार को सूर्य ग्रहण, दिखेगा रिंग ऑफ फायर का नजारा, राशियों पर कैसा पड़ेगा असर? जानें डेट-टाइम और सूतककाल के बारें में

8 अप्रैल 2024 को लगे साल के पहले पूर्ण सूर्य ग्रहण को उत्तरी अमेरिका, मेक्सिको, यूनाइटेड स्टेट्स और कनाडा में देखा गया था। ग्रहण को आसमान में घटित होने वाली सबसे अद्भुत खगोलीय घटना में से एक माना जाता है

Pooja Khodani
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grahan 2024

Surya Grahan 2024: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है। जब भी कोई ग्रहण लगता है तो उस घटना को खगोलीय घटनाओं में एक माना जाता है। नवरात्रि से ठीक पहले 2-3 अक्टूबर के दरम्यिान साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने वाला है।यह ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगेगा।खास बात ये है कि यह सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसे रिंग और फॉयर (Ring Of Fire) कहते हैं।

नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि इस खगोलीय घटना में पृथ्‍वी और सूर्य के बीच चंद्रमा के पहुंच जाने से कुछ देशों में सूर्य डिस्‍क का कुछ भाग दिखाई देना बंद हो जायेगा । इससे इन स्‍थानों पर वलयाकार ग्रहण तो कुछ स्‍थानों पर आंशिक ग्रहण दिखेगा । पहली लोकेशन पर आंशिक ग्रहण आंरभ रात्रि 9 बजकर 12 मिनिट 59 सेकंड, अधिकतम ग्रहण रात्रि 12 बजकर 15 मिनिट 04 सेकंड और अंतिम लोकेशन आंशिकग्रहण समाप्ति रात्रि 03 बजकर 17 मिनिट 00 सेकंड पर होगी।

जानिए सूर्य ग्रहण का समय और अवधि

पंचाग के अनुसार, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 -3 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगेगा। ग्रहण की शुरुआत 2 अक्टूबर को रात 9 बजकर 13 मिनट से होगी और समाप्ति देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर होगी, ऐसे में ग्रहण का कुल समय 6 घंटे 4 मिनट तक की होगी। यह सूर्य ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आएगा, क्योंकि जब ग्रहण होगा तब देश में रात रहेगी, ऐसे में सूतककाल मान्य नहीं होगा। शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर 2024 से होगा , ऐसे में इस सूर्य ग्रहण का चैत्र नवरात्रि पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।इस ग्रहण का कुछ न कुछ भाग विश्‍व की जनसंख्‍या का लगभग 3.08% लोग देख पायेंगे तो वलयाकार सूर्यग्रहण को लगभग 0.002% लोग ही देख सकेंगे ।

भारत को छोड़ कहां कहां दिखेगा ग्रहण

भारत में तो नहीं देखा जा सकेगा लेकिन अर्जेन्‍टीना , चिली में एन्‍यूलर या वलयाकार ग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा । वहीं फिजी, उरूग्‍वे, ब्राज़ील पेरू आदि देशों में पार्शियल या आंशिक सूर्यग्रहण के के रूप में देखा जा सकेगा । यह ग्रहण रात्रि 3 बजकर 17 मिनिट पर समाप्‍त हो जायेगा ।खास बात ये है कि इस सूर्य ग्रहण में रिंग ऑफ फायर का नजारा दिखेगा। रिंग ऑफ फायर तब बनता है जब चांद सूर्य को पूरी तरह से ढ़क लेता है और सूर्य की गोलाई का सिर्फ सिरा ही नजर आता है।

2027 में दिखेगा भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण

सारिका ने कहा कि ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्‍वी से लगभग 4 लाख 2 हजार 3 सौ किमी की दूरी पर होगा जबकि सुपरमून की स्थिति में यह लगभग 3 लाख 60 हजार किमी दूर रहता है । पृथ्‍वी से दूर रहने के कारण चंद्रमा सूर्य की डिस्‍क को पूरी तरह नहीं ढंक पायेगा जिससे सूर्य के बीच का भाग तो काला दिखेगा लेकिन चारों ओर का भाग चमकता हुआ रिंग ऑफ फायर के रूप में दिखेगा ।अगर आप मध्‍यप्रदेश सहित भारत में सूर्यग्रहण देखना चाहते है तो आपको करना होगा 2 अगस्‍त 2027 का इंतजार । उस दिन यहां 1 घंटे 24 मिनिट तक आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा ।

सूर्य ग्रहण पर ग्रहों की स्थिति और राशियों पर प्रभाव

  • ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक  सूर्य ग्रहण बुध के स्वामित्व वाली राशि कन्या पर लगेगा। उस समय सूर्य, बुध, चंद्रमा और केतु  एक साथ विराजमान रहेंगे, जिससे चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा। देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि, ग्रहों के सेनापित मंगलदेव मिथुन राशि में, शुक्र तुला राशि, राहु मीन राशि और शनिदेव वक्री स्थिति में अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे।
  • ग्रहों की ऐसी स्थिति, चतुग्रही संयोग और सूर्य ग्रहण क 12 राशियों पर अलग अलग प्रभाव पड़ेगा। यह मकर, वृश्चिक, धनु, तुला, कन्या राशि के जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है।वृषभ, कुंभ और मकर पर मिलाजुला प्रभाव रहेगा। मेष, कर्क, सिंह मिथुन, मीन के जातकों को थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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