Bhai Dooj 2023 : भाई दूज और रक्षा बंधन दोनों ही हिंदू का महत्वपूर्ण पर्व है जो भाई-बहन के प्यार और रक्षा के लिए मनाया जाता है। जिसमें बहनें अपने भाई की लंबी आयु की कामना करती है। ये त्योहार भाई-बहन के आपसी संबंधों को मजबूत करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। बता दें कि भाई दूज के दिन यमराज की पूजा की जाती है। भाई दूज का नाम “यम द्वितीय” भी है, जो यमराज को समर्पित होता है। इस दिन बहन अपने भाइयों के लिए यमराज की पूजा करती हैं और उनके लंबी आयु और सुख-शांति की कामना करती हैं।
भाई दूज का त्योहार हर बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष के द्वितीय दिन यानि द्वितीय तिथि को मनाया जाता है, जो दीपावली (दिवाली) के बाद आता है। इसलिए, भाई दूज दीपावली के त्योहार के दो दिन बाद मनाया जाता है। आइए विस्तार से जानें शुभ मुहूर्त और तिलक करने की सही विधि यहां…
शुभ मुहूर्त
यह त्योहार कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और यह तिथि हर साल समय के अनुसार बदलती है। वहीं, इस साल भाई दूज 15 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसका समय 14 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से शुरू होगा और 15 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में बहनें अपने भाइयों को 14 और 15 नवंबर दोनों ही दिन तिलक कर सकती हैं।
सामग्री
- रोली
- चावल
- बत्ती (दिया)
- कुमकुम (साफेद और गुलाबी)
- थाली
तिलक लगाने की विधि
- सबसे पहले तैयारी के लिए एक साफ थाली या प्लेट तैयार करें।
- अपने भाई को एक सामने बैठाएं और उसके माथे पर रोली लगाएं।
- सबसे पहले बत्ती को आवश्यक होने पर लाइट करें और उसके आसपास चावल फैला दें।
- अब रोली को कुछ कुमकुम के साथ मिलाकर एक छोटी सी बर्तन में रखें।
- जिसके बाद भाई को कुमकुम का तिलक लगाएं।
- फिर दिया से उसकी आरती उतारें और मिठाई खिलाएं।
- साथ ही भाई से आशीर्वाद ले सकते हैं और उसके लम्बे जीवन की कामना करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)