Mangla Gauri Vrat: हिन्दू धर्म में मंगला गौरी का विशेष महत्व होता है। सावन मास के मंगलवार के दिन यह व्रत रखा जाता है। इस दिन देवी पार्वती की पूजा-उपासना करती हैं। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पति को दीर्घ आयु का आशीर्वाद मिलता है। संतान की प्राप्ति होती है। दाम्पत्य जीवन की समस्याएं दूर होती हैं। कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। 23 जुलाई को पहला मंगला गौरी व्रत है। कई अद्भुत योग भी बन रहे हैं।
शुभ योग और मुहूर्त
सावन मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 23 जुलाई सुबह 10:23 बजे शुरू होगी। 23 जुलाई को पहला मंगला गौरी व्रत है। कई अद्भुत योग भी बन रहे हैं। आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। त्रिपुष्कर योग भी बन रहा रहा है।
ऐसे करें पूजा
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धरण करें।
- मंदिर की साफ-सफाई करें। गंगाजल से छिड़काव करें।
- लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
- भगवान शिव और माता की मूर्ति या तस्वीर स्थानपित करें।
- जल अर्पित करें। फिर कुमकुम, अक्षत, फल, फूल इत्यादि चीजें अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाएं। धूप और नैवेद्य इत्यादि अर्पित जरें।
- आरती करें। क्षमायाचना करें।
- पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें।
इन मंत्रों का करें जाप
- ॐ ह्रीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा। इस मात्र का जाप करने से जीवन में सफलता मिलती है।
- ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः ॐ पार्वत्यै नमः ॐ साम्ब शिवाय नमः ॐ गौरये नमः। यह माँ पार्वती का प्रभावशाली मंत्र है।
- जीवन में सुख शांति के लिए “मुनि अनुशासन गणपती हि पूजेहु शंभु भवानी। कोउ सुनी संशय करै जनी सुर अनादि जिय जानि” मंत्र का जाप करें।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातके सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)





