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Thu, Dec 18, 2025

आज आसमान में दिखेगा चंद्रमा का अद्भुत नजारा, होगी सबसे चमकीली रात, जानें समय

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
वैदिक पंचांग के अनुसार, 17 अक्टूबर को आश्विन पूर्णिमा मनाई जा रही है। जिसे लोग शरद पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। सनातन धर्म में इसका काफी ज्यादा महत्व है।
आज आसमान में दिखेगा चंद्रमा का अद्भुत नजारा, होगी सबसे चमकीली रात, जानें समय

The Hunter Moon 2024 : पूरे देश में इन दिनों ऐसा मौसम देखने को मिल रहा है, जब सुबह-शाम गर्मी और रात के समय ठंड का एहसास हो रहा है। दिनभर लोग कुलर चला रहे, तो वहीं रात के समय पंखे में भी ठंड का एहसास हो रहा है। कुछ जगहों पर बारिश ने और ज्यादा सर्दी बढ़ा रखी है। वहीं, आज आश्विन पूर्णिमा मनाई जा रही है जब आसमान में सुपर मून दिखाई देगा।

वैदिक पंचांग के अनुसार, 17 अक्टूबर को आश्विन पूर्णिमा मनाई जा रही है। जिसे लोग शरद पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। सनातन धर्म में इसका काफी ज्यादा महत्व है। इस दिन लोग खीर बनाकर चंद्रमा के नीचे रख देते हैं। ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा की पड़ने वाली किरणें लोगों के जीवन से दुख और कष्ट को दूर कर देती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन लोग गंगा स्नान भी करना शुभ मानते हैं। अन्य दिनों की अपेक्षा आज के दिन चंद्रमा काफी ज्यादा चमकीला नजर आता है, जिससे आसमान का नजारा काफी अलग और अद्भुत होता है।

होगी सबसे चमकीली रात

वैज्ञानिकों की मानें तो पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी काफी कम रहती है। इसलिए यह अधिक चमकीला नजर आता है। इस खगोलीय घटना को वैज्ञानिकों ने अलग नाम दिया है, जिसे कुछ लोग सुपर मून के नाम से जानते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज पृथ्वी और चंद्रमा के बीच 3,57,364 किलोमीटर की दूरी होगी। ज्योतिषों के अनुसार, आज भारत में शाम 4:56 पर सुपर मून दिखेगा, जिसे 18 अक्टूबर तक देखा जा सकता है।

दूरबीन का करें इस्तेमाल

सुपर मून को देखने के लिए आप दूरबीन का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आपको यह और करीब से दिखेगा। साथ ही आप इस नजारे को साफ-साफ देख सकते हैं। आज अन्य दिनों की अपेक्षा चंद्रमा 15 से 30% अधिक चमकीला और बड़े आकार का नजर आएगा। बता दें कि सबसे पहले सुपर मून शब्द की खोज खगोल शास्त्री रिचर्ड नोले ने साल 1979 में की थी। जिन्होंने इस शब्द को परिभाषित करते हुए कहा था कि सुपर मून पूर्णिमा और अमावस्या दोनों दिन देखने को मिल सकता है।

सर्दी के आगमन का संकेत

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के उदय और अस्त के दौरान जो मून होता है, उसे लोग हंटर मून के नाम से जानते हैं। इसे लोग सर्दी की शुरुआत का संकेत भी मानते हैं। लोगों की ऐसी मान्यता है कि इसी दिन से सर्दी के मौसम का आगमन होता है। यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)