सावन (Sawan) का पवित्र महीना शुरू होने वाला है। इस दौरान पड़ने वाले प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का भी बहुत महत्व हिन्दू पांचग में बताया गया है। जो भी भक्त सावन में पड़ने वाले इस प्रदोष व्रत को सच्चे मन से करता है उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। साथ ही जीवन में काफी ज्यादा सुख समृद्धि बनी रहती है।
आपको बता दे, खास बात ये है कि इस बार प्रदोष व्रत सावन के दूसरे सोमवार यानी 25 जुलाई को आ रहा है। इस व्रत को इस बार सोम प्रदोष के नाम से भी जाना जाने वाला है। ये इसलिए क्योंकि सावन के महीने में जिस दिन भी ये व्रत आता है उस दिन के नाम से ही इसे जाना जाता है।
इसके अलावा इस व्रत का सीधा संबंध चंद्रमा से होता है। ऐसे में जो भी भक्त इस व्रत को करता है उसके गृह की खराब दशा ठीक हो जाती है। साथ ही व्यक्ति का खराब चन्द्रमा भी ठीक और मजबूत हो जाता है। जिसकी वजह से जीवन में आई समस्या भी ख़त्म होने लगती है और धन की कमी भी दूर होती है।
बारिश के बीच इंदौर में निकली अनोखी बारात, देखें वायरल वीडियो
मान्यता ये भी है कि इस दिन सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है साथ ही ख़राब महादशा भी ठीक होने लगती है। आज हम आपको प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि बताने जा रहे है तो चलिए जानते है –
सोम प्रदोष व्रत –
इस बार सावन के दूसरे सोमवार के दिन आ रहे है इस सोम प्रदोष व्रत का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। क्योंकि इस दिन सोमवार आ रहा है। इस दिन किए जाने वाले व्रत का लाभ भक्तों को मिलता है। इस बार ये व्रत शाम को 7 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 9 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। इसकी कुल पूजा के लिए अवधि 2 घंटे 04 मिनट रहेगी। इसके अलावा सावन में त्रियोदशी तिथि का आरंभ 25 जुलाई, शाम 4 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर, 26 जुलाई शाम 6 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।