होली को लेकर कई पौराणिक कथाएं है प्रचलित, जानें यहां

देश के हर कोने में अलग-अलग रीति-रिवाज से होली का त्यौहार मनाया जाता है। पूरा देश इस दिन रंगों में डूबा नजर आता है। होली के गानों पर लोग थिरकते नजर आते हैं।

Sanjucta Pandit
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देशभर में होली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जिसके लिए अभी से ही तैयारी हो चुकी है। यह फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। अभी से ही बाजार रंग-बिरंगे गुलाल, कपड़े, पिचकारी, मिठाइयों से सज-धज कर तैयार हैं। लोग घरों की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं। बच्चों में खासकर ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। इस दिन से हिंदू के नए साल का शुभारंभ होता है। लोग अपनी पुरानी दुश्मनी को भूलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और नए सिरे से रिश्ते की शुरुआत करते हैं। सभी के घरों में तरह-तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं। इस खास मौके पर भांग पीने की भी पुरानी परंपरा है।

देश के हर कोने में अलग-अलग रीति-रिवाज से होली का त्यौहार मनाया जाता है। पूरा देश इस दिन रंगों में डूबा नजर आता है। होली के गानों पर लोग थिरकते नजर आते हैं। आज के आर्टिकल में हम आपको होली के बारे में अनोखी परंपराओं को बताने जा रहे हैं।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरु हो जाएगी, जिसका समापन 14 मार्च को 12 बजकर 23 पर होगा। ऐसे में 14 मार्च को होली खेली जाएगी। वहीं, होलिका दहन 13 मार्च को होगा।

पहली कथा

कथाओं के अनुसार, काफी समय पहले राजा हिरण कश्यप खुद को भगवान मानने लगा था, लेकिन उसका बेटा प्रहलाद उसकी पूजा करने की वजह भगवान विष्णु की भक्ति में डूबा रहता था। यह बात राजा को पसंद नहीं आ रही थी, तब उसने अपने ही बेटे को मारने के लिए कई सारे प्रयास किए, लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाया। अंत में उसने अपनी बहन होलिका की मदद ली और उसे आदेश दिया कि वह प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए, क्योंकि उसे कभी ना जलने का वरदान मिला था, लेकिन जैसे ही होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि कुंड में बैठी। वैसे ही वह जल गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ। तब से ही होलिका दहन का त्यौहार मनाया जाता है। यह अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, जब बुराई का अंत हो जाता है।

दूसरी कथा

दूसरी कहानी के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण अपने रंग को लेकर काफी ज्यादा चिंतित थे कि वह उनकी त्वचा सांवली क्यों है और राधा गोरी क्यों है। तब उनकी मां यशोदा ने मजाक में उनसे कहा था कि बेटा तू भी राधा के गालों पर रंग लगा दे। अपनी मां के आदेश का पालन करते हुए कृष्ण ने ऐसा ही किया। तब से ही होली के दिन रंग खेलने की परंपरा शुरू हो गई।

अलग तरह से मनाई जाती है होली

भारत में सभी जगह होली का त्यौहार मनाया जाता है, लेकिन इसे मानने की परंपरा सभी जगह अलग-अलग है। मथुरा-वृंदावन में लठमार होली खेली जाती है। बरसाना में भी लठमार होली ही खेली जाती है। राजस्थान में रॉयल होली खेली जाती है, तो वहीं पंजाब में होला मोहल्ला खेला जाता है। केरल की मंजुल कुली होली आदि प्रमुख तौर पर फेमस है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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