Mahakaleshwar Temple: वहीं इस मौके पर भगवान महाकाल को शीतल जल से भी स्नान कराया जाने वाला है। जानकारी के अनुसार यह विशेष क्रम आश्विन पूर्णिमा तक चलेगा, जिससे भक्तों को एक नया अनुभव होगा। आपको बता दें की होलिका दहन भी सबसे पहले महाकाल में होता है। जिसके बाद ही उज्जैन शहर में दुसरे स्थानों पर होलिका का दहन किया जाता है।
वर्ष में प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में भी दो बार परिवर्तन:
महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन के दिन भगवान महाकाल को सबसे पहले शीतल जल से स्नान कराया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को एक अनूठा अनुभव होगा। जानकारी दे दें की महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में भी दो बार परिवर्तन किया जाता है। दरअसल होली के मौके पर चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से आश्विन पूर्णिमा तक इस क्रम में परिवर्तन होगा, जिससे भक्तों को एक नए आत्मिक अनुभव का सौभाग्य मिलेगा।
वहीं इसको लेकर पुजारी विजय गुरू ने जानकारी दी कि इस विशेष अवसर पर आरतियों के समय में आधा घंटा समय का परिवर्तन किया जाएगा। इससे भगवान की दिनचर्या में परिवर्तन होगा, और भक्तों को एक नया अनुभव होगा। इसी के साथ होली से भगवान महाकाल को शीतल जल से स्नान कराने का क्रम भी शुरू होगा।
जानकारी के अनुसार अब बाबा महाकाल की आरतियों का समय इस प्रकार रहेगा – प्रथम भस्म आरती – प्रात: 4 से 6 बजे तक,द्वितीय दद्योदक आरती – प्रात: 7 से 7:45 बजे तक, तृतीय भोग आरती – प्रात: 10 से 10:45 बजे तक, चतुर्थ संध्याकालीन पूजन – सायं 5 से 5:45 बजे तक, पंचम संध्या आरती – सायं 7 से 7:45 बजे तक जबकि शयन आरती का समय रात्रि 10:30 से 11 बजे तक होगा।