Chanakya Niti : चाणक्य नीति को जीवन का दर्पण भी कहा जाता है, क्योंकि इस नीति में बड़े से लेकर बुजुर्ग, महिला से लेकर पुरुष तक के लिए बहुत सी महत्वपूर्ण बातें बताई गई है जोकि उनके जीवन में काम आती है। आचार्य चाणक्य की नीतियों को अपनाने वाला हर व्यक्ति सफल होता है। उसमें व्यक्ति की कई समस्याओं का हल भी मिल जाता है। उन्होंने अपने नीति में जीवन के सिद्धांतों का वर्णन किया है, जो आज भी मनुष्य द्वारा अपनाई जाती है। इसी कड़ी में उन्होंने छात्रों के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई है, जिन्हें अपनाकर विद्यार्थी अपना भविष्य सवार सकते हैं। जो स्टूडेंट चाणक्य की इन बातों को अपने जीवन में उतार लेते हैं, वह फ्यूचर में सक्सेस हो पाते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो छात्र समय के महत्व को समझता है वह भविष्य में अवश्य ही सफल इंसान बनता है। उन्हें हर काम को समय पर पूरा करना चाहिए। जैसे अगर आपको स्कूल में होमवर्क मिला है, तो उसे अवश्य ही पूरा करके ले जाएं या फिर परीक्षा नजदीक आ रही हो तो कल पर टालने के बजाय आज से ही पढ़ाई शुरू कर दें और अपने सिलेबस को समय रहते कंप्लीट करें।
छात्रों की सबसे बड़ी पूंजी अनुशासन को माना गया है, जो विद्यार्थी डिसिप्लिन में रहते हैं। अपने शिक्षकों, माता-पिता और बड़ों से आदर सम्मान पूर्वक बात करते हो। वह जीवन में आगे चलकर आदर्श व्यक्ति बनकर उभरता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे विद्यार्थियों को अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ता और वह अपने लक्ष्य को बहुत ही आसानी से प्राप्त कर लेते हैं।
कई बार छात्र गलत संगति में पड़कर नशे आदि के शिकार हो जाते हैं, तो उनका जीवन बर्बाद हो जाता है। चाणक्य नीति में इस बात का जिक्र किया गया है कि छात्रों को बुरी आदतों से हमेशा दूर रहना चाहिए। अन्यथा, वह अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं। जिस कारण उन्हें भविष्य में परेशानी झेलनी पड़ सकती है। ऐसे में समाज में भी मान-प्रतिष्ठा घट जाती है।
छात्रों को आलस से हमेशा दूर रहना चाहिए। यह इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन माना गया है, जो इंसान को बर्बादी के कगार पर पहुंचा देता है। इसलिए समय से सोएं और सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई में ध्यान दें। इससे आप शिक्षा भी आसानी से ग्रहण कर पाएंगे। साथ ही आप दिनभर ऊर्जावान बने रहेंगे।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्यार्थियों को हमेशा अपनी वाणी और क्रोध पर नियंत्रण करना चाहिए। अन्यथा, उसका सारा ज्ञान नष्ट हो जाता है क्योंकि क्रोध मनुष्य की सोचने और समझने की ताकत को खत्म कर देता है। इसलिए क्रोध से हमेशा दूर रहना चाहिए।
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