हिंदू धर्म में बहुत सारे पर्व त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनका अपना अलग-अलग महत्व होता है। इनमें पूर्णिमा तिथि का भी विशेष महत्व है। यह हर महीने एक बार मनाई जाती है। वहीं, इस महीने मनाए जाने वाली पूर्णिमा तिथि को फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु और राधा-कृष्ण की पूजा भी की जाती है, जिससे जीवन में खुशहाली आती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, जेष्ठ पूर्णिमा का पर्व 11 जून को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है जिससे जीवन में सुख और शांति आएगी।

मुहूर्त
पंचांग के अनुसार जेष्ठ पूर्णिमा की शुरुआत 10 जून को सुबह 11:35 पर होगी, जिसका समापन 11 जून को दोपहर 1:30 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार 11 जून को जेष्ठ पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाएगा।
बन रहे ये योग
इस दिन साध्य योग का निर्माण हो रहा है, जो कि 2:04 तक रहेगा। इस दौरान लक्ष्मी-नारायण की पूजा-अर्चना करें। इसके अलावा शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है।
करें ये उपाय
- पवित्र नदी में स्नान करें और दीपदान करें, जिससे जीवन से नकारात्मकता दूर होगी। साथ ही पितृ दोष खत्म होगा।
- जेष्ठ पूर्णिमा के दिन देसी घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही उन्हें फल का भोग लगाएं।
- पूर्णिमा के दिन तुलसी की आवश्यक पूजा करनी चाहिए। साथ ही देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें, जिससे जीवन में सुख और शांति आएगी।
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे आर्थिक तंगी दूर होगी।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)