मानसिक तनाव दूर कर आत्मविश्वास में वृद्धि करता है ये रत्न, जानें धारण करने का तरीका

Diksha Bhanupriy
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Gem Astrology

Gem Astrology: कुंडली में निर्मित होने वाली ग्रह नक्षत्र की दशा कई बार व्यक्ति के जीवन पर अशुभ प्रभाव डालती है। कुछ ग्रहों का संयोग ऐसे योग निर्मित करता है, जो जीवन में उतार-चढ़ाव लेकर आते हैं। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र की महत्वपूर्ण शाखा रत्न शास्त्र में कुछ ऐसे रत्नों का उल्लेख दिया गया है, जो व्यक्ति की सारी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।

जिस तरह से व्यक्ति की राशि और जन्मतिथि का संबंध किसी ना किसी किसी ग्रह से होता है। ठीक उसी तरह से हर रत्न का संबंध किसी एक ग्रह से होता है। आज हम आपको एक ऐसे रन के बारे में जानकारी देते हैं जो आपके आत्म बल में बढ़ोतरी करेगा और मानसिक तनाव से भी मुक्ति दिलाएगी।

चमत्कारी है चंद्रमणि

जिन लोगों को मानसिक समस्या की परेशानी रहती है। वह तनाव से घिरे रहते हैं, माता के साथ उनके संबंध अक्सर खराब होते रहते हैं और वैवाहिक जीवन में अशांति बनी रहती है। इसका मतलब यह है कि यह लोग चंद्रमा के अशुभ प्रभाव का सामना कर रहे हैं। चंद्रमणि एक ऐसा रत्न है जो चंद्रमा के अशुभ प्रभावों को दूर करने का काम करता है और जातक को परेशानियों से मुक्ति दिलाता है। आज हम आपको बताते हैं कि इस रत्न से क्या-क्या लाभ होते हैं और इसे किस तरह से धारण किया जाता है।

कौन धारण करे चंद्रमणि

सबसे पहले आपको बता दें कि यह चंद्रमा से जुड़ा हुआ रत्न है इसीलिए यह कर्क राशि के लोगों के लिए अच्छा होता है। इस राशि का स्वामी चंद्रमा होता है और जब यह इस रन को धारण कर लेते हैं तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक बनी रहती है और निर्णय लेने की क्षमता भी मजबूत होती है। चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से आत्मविश्वास में आई कमी भी ये रत्न दूर कर देता है।

रत्न धारण के फायदे

यह मून स्टोन रन चंद्रमा के उपरत्न के तौर पर पहचाना जाता है। इसे धारण करने वाले जातक को कई तरह के फायदे होते हैं। उसकी मानसिक स्थिति बेहतर बनी रहती है। मन में चल रही बेचैनी दूर होती है। अंदर छिपी हुई क्रिएटिविटी बाहर लाने में यह काफी मददगार है और इसे धारण करने वाला व्यक्ति खुद को और अपने विचारों को दूसरों के सामने कॉन्फिडेंस के साथ पेश कर पाता है।

ऐसे करें धारण

अगर आप कर्क राशि के जातक हैं और चंद्रमा के अशुभ प्रभावों का सामना कर रहे हैं और अपने ग्रहों को मजबूत करना चाहते हैं, तो आपको शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात को अपने हाथ की सबसे छोटी उंगली में इस रत्न को धारण करना चाहिए। यह बहुत ही सकारात्मक रत्न है और इसे धारण करने के बाद आपके आसपास मौजूद सारे नकारात्मक ऊर्जा दूर भाग जाएगी। वापसी धारण करेंगे तो गंगाजल और गाय के दूध से इसे अच्छी तरह शुद्ध करें और भगवान शिव को समर्पित करने के बाद पहन लें। अगर शुक्ल पक्ष के सोमवार को इसे ना पहन पाएं तो पूर्णिमा का दिन भी इसे पहनने के लिए शुभ माना जाता है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दवा MP Breaking News नहीं करता। उपाय अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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