Lal kitab: हिंदू धर्म में ज्योतिष और धार्मिक शास्त्रों को काफी ज्यादा महत्व दिया गया है। हम जो भी काम करते हैं ज्योतिष की दृष्टि से ही करते हैं। शादी, विवाह, मुंडन, नामकरण सब कुछ व्यक्ति ज्योतिष की दृष्टि से ही करता है। जीवन में आने वाली हर समस्या का समाधान भी व्यक्ति ज्योतिष के जरिए ही निकालता है।
लाल किताब एक बहुत ही पौराणिक ग्रंथ है, जिसे काफी महत्व दिया गया है। लाल किताब में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जो अनुभवों के आधार पर सिद्ध साबित हुए हैं। आज हम आपको नौ ग्रह के उपाय बताते हैं जिनसे आप अशुभ ग्रह को प्रसन्न कर सकते हैं।
सूर्य
सूर्य ग्रहण के राजा है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए रोजाना जल आवश्यक चढ़ाई और ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। इसके साथ गंगा चला चांदी का टुकड़ा पूजा घर में हमेशा रखें। लाल बंदर को गुड़ और चना जरूर खिलाएं।
चंद्रमा
चंद्रमा के शुभ प्रभाव पाने के लिए एक लोटे में दूध, गंगाजल, चावल और शक्कर लें और चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके अलावा सफेद कपड़े में मिश्री डालकर सोमवार के दिन पानी में बहा दें। प्रत्येक पूर्णिमा पर चंद्रमा का पूजन जरूर करें।
मंगल
मंगल मजबूत करने के लिए हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें। लाल रंग के वास्ते हमेशा अपने साथ रखें। जल में गुड़ डालकर सूर्य देवता को अर्घ्य दें। धार्मिक स्थल पर दूध और चावल का दान करें।
गुरु
गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए पीले रंग के धागे में हल्दी की गांठ बांधकर दाई भुजा पर बांध लें। सोने की चेन पहनें और केसर का तिलक लगाएं। पीले कपड़े में चने की दाल बांधकर विष्णु जी को अर्पित करें।
शुक्र
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए तुलसी का पौधा और सफेद पुष्प घर में जरूर लगाए। गाय को हल्दी डालकर आलू खिलाना भी शुभ होता है। अपनी माता की सेवा करें। सफेद पत्थर पर चंदन घिसे और उसे पानी में बहा दे। गुड़ नहीं खाएं।
शनि
शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए और शनि की बुरी दृष्टि से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें। बरगद के पेड़ की जड़ को दूध से सिंचकर उस मिट्टी का तिलक करें। तिल, उड़द, भैंस, काले कपड़े, काली गाय, जूते और लोहे का दान करें।
राहु
कि अशुभ दशा को दूर करने के लिए सोमवार और शनिवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और काला तिल अर्पित करें। चांदी की एक ठोस गोली अपने पास जरूर रखें। रसोई में बैठकर भोजन करें और अपनी आय का हिस्सा बहन पर खर्च करें।
केतु
केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए केसर और चंदन का तिलक लगाएं। काले और सफेद तिल जल में प्रवाहित करें। लगातार चार दिन साथ के लिए पानी में बहाएं।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।