Sawan Somvar: सावन के तीसरे सोमवार पर बन रहा बेहद ही दुर्लभ संयोग, करें इन चीजों का दान, बरसेगी भोलेनाथ की कृपा

Sawan Somvar 2023: 4 जुलाई से सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है। पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस बार पूरे 58 दिन सावन मास पड़ रहा है। इसका समापन 30 अगस्त को होगा। सावन के तीसरे सोमवार में केवल 3 दिन ही बचे हैं। इस दिन बेहद ही दुर्लभ संयोग बन रहा है। जो सावन सोमवार व्रत के महत्व को बढ़ा रहा है।

बन रहा अद्भुत संयोग

सावन के तीसरे सोमवार के दिन रवि और शिव योग का निर्माण हो रहा है। वहीं अधिक मास और सावन को दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। 18 जुलाई से अधिक मास का आरंभ हो चुका है। 19 वर्षों बाद इस साल सावन माह के दौरान अधिक मास लग रहा है। सावन का तीसरा सोमवार मलमास का पहला सोमवार भी है। दूसरी तरफ रवि योग में पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती है, अमंगल भी मंगल में बदल जाता है। शिवयोग में भोलेनाथ की पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

करें इन चीजों का दान

सावन सोमवार के दिन कुछ चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा बरसती है। भाग्य उदय होता है और जीवन में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

  • सावन सोमवार के दिन जरूरतमंद और गरीबों के बीच तेल और कंबल का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यताएं हैं कि ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
  • सावन सोमवार के दिन कच्चे दूध का दान करना दान करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है और शुभ फल प्राप्त होता है।
  • इस दिन चीनी, घी और चावल का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और शुभ फल मिलता है।
  • सावन सोमवार के दिन नए झाड़ू को दान करना भी बेहद फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। आय में वृद्धि होती है। जीवन में सुख-समृद्धि में भी बढ़ती है।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों कीपुष्टि नहीं करता।)

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News