रातोंरात किस्मत पलट देगा ये असरकारी रत्न, जानें धारण करने की विधि और लाभ

Diksha Bhanupriy
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Ratna Shastra

Gemstone: आजकल हर व्यक्ति की जिंदगी भागदौड़ भरी हो गई है। जिसके चलते वह कभी ना कभी स्वास्थ्य संबंधी या फिर मानसिक तनाव संबंधी परेशानी का सामना जरूर करता है। हालांकि, व्यक्ति के जीवन में होने वाली भागदौड़, मानसिक तनाव और शारीरिक स्वास्थ्य यह सब कुछ ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है। अगर आप भी इसी तरह की परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं तो हम आपको एक ऐसे चमत्कारी रत्न के बारे में बताते हैं, जिसके प्रभाव से आपके जीवन में चल रही तनाव और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर हो जाएगी।

धारण करें फिरोजा

जो लोग स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना कर रहे हैं या फिर मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं उनके लिए फिरोजा धारण करना बहुत ही शुभ माना गया है। इस रत्न की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे कोई भी व्यक्ति बिना कुंडली दिखाएं धारण कर सकता है और यह सभी को अच्छे परिणाम देता है। अगर यह रत्न आपको लाभ नहीं पहुंचाएगा तो नुकसान होने के चांस भी नहीं रहेंगे।

रत्न के फायदे

  • फिरोजा एक ऐसा रत्न है जो व्यक्ति की कुंडली में मौजूद बुध और शुक्र ग्रह को मजबूत करता है। अगर कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत रहती है तो व्यक्ति किसी भी तरह की शारीरिक समस्या का सामना नहीं करता है और उसके चेहरे पर भी रौनक बनी रहती है। शुक्र ग्रह को धन-दौलत, सुख-संपत्ति और ऐश्वर्य का कारक भी माना जाता है और यह रत्न उसे मजबूत बनाने में काफी लाभकारी है।
  • वहीं बुध एक ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने का काम करता है। इस ग्रह की कमजोरी के कारण व्यक्ति डिप्रेशन और तनाव जैसी स्थिति का सामना करता है। लेकिन अगर आप फिरोजा धारण करते हैं तो इस तरह की परेशानियां देखते ही देखते छूमंतर हो जाएगी।
  • जो लोग विवाह में परेशानियों का सामना कर रहे हैं और किसी न किसी कारण से उनके विवाह में देरी हो रही है उन्हें फिरोजा धारण करने के बाद वैवाहिक जीवन का सुख मिलता है।
  • राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को कम करने में भी फिरोजा काफी कारगर माना गया है।

ऐसे करें धारण

  • अगर आप फिरोजा रत्न धारण करना चाहते हैं तो आपको इसे सोने या फिर तांबे की धातु में बनवाकर पहनना चाहिए।
  • इसे धारण करने से पूर्व दूध में गंगाजल मिलाकर, इसमें अंगूठी को डुबोकर रख दें।
  • कुछ देर इसे डूबा रहने दें और उसके बाद निकाल कर धारण कर लें।
  • रत्न शास्त्र के मुताबिक इस रत्न को गुरुवार या फिर शुक्रवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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