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Thu, Dec 18, 2025

Pitra Dosh: पितृ दोष से ऐसे मिलेगा छुटकारा, इन अद्भुत उपायों से पाएं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Pitra Dosh: क्या आप पितृ दोष के कारण जीवन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं? क्या आप चाहते हैं कि आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन हो? यदि हाँ, तो यह लेख आपके लिए है।
Pitra Dosh: पितृ दोष से ऐसे मिलेगा छुटकारा, इन अद्भुत उपायों से पाएं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

Pitra Dosh: पितृ दोष, ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो पूर्वजों के अपूर्ण कर्मों या आशीर्वाद की कमी से जुड़ी मानी जाती है। यह माना जाता है कि पितृ दोष जीवन में अनेक बाधाओं और समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि धन-दौलत में कमी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, वैवाहिक जीवन में अड़चनें, संतान प्राप्ति में कठिनाई, करियर में रुकावटें, इत्यादि। यदि आपको लगता है कि आप पितृ दोष से ग्रस्त हैं, तो निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है। अनेक सरल उपाय हैं जिनके द्वारा आप पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं।

पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने के उपाय

  • पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पीपल पूजन एक अत्यंत प्रभावी उपाय माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल का पेड़ पवित्र माना जाता है और इसमें पितरों का वास माना जाता है। शनिवार या बुधवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। पीपल के पेड़ की जड़ में गंगाजल अर्पित करें। चावल, फूल, दूध, घी, और दीपक से पेड़ की पूजा करें। धूप जलाकर आरती करें। पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें। वृक्ष के नीचे दीपक में सरसों का तेल और काले तिल मिलाकर छाया दान करें। पीपल के पेड़ की जड़ों में जल अर्पित करें और “ॐ नमः शिवए” मंत्र का जाप करें। पितरों से क्षमा मांगें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर अर्घ्य दें। यह क्रिया प्रतिदिन या अमावस्या और पितृ पक्ष में अवश्य करें। पितृ पक्ष में श्राद्ध और पिंडदान अवश्य करें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष लगने का खतरा कम होता है। पितृ मंदिरों में जाकर दर्शन करें और पूजा-अर्चना करें। गायों को भोजन कराएं और गरीबों एवं ब्राह्मणों को दान दें। पितृ स्तोत्र और मंत्रों का जाप करें। नियमित रूप से दीपदान करें। पितृ दिवस का पालन करें और पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करें। अपने पितरों के प्रति सदैव कृतज्ञता और सम्मान का भाव रखें।
  • शाम के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। आचमन करें और शरीर को शुद्ध करें। मिट्टी के दीए में तेल डालकर बाती जलाएं। दीपक को छत पर दक्षिण दिशा में रखें। पितरों से कुशल मंगल की कामना करें। चाहें तो गोबर से बने दीए का भी प्रयोग कर सकते हैं।

    Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।