Ratna Shastra: व्यक्ति जब भी अपने जीवन में ग्रह नक्षत्र की परिस्थितियों की वजह से आ रही परेशानी का सामना करता है तो वह ज्योतिष की सलाह लेता है। कई बार प्रतिकूल परिस्तिथियां जीवन पर विपरीत असर डालती है, जिनके समाधान के लिए ज्योतिष में कई तरह के उपाय दिए गए हैं। रत्न शास्त्र भी ज्योतिष का एक ऐसा हिस्सा है जहां पर सभी नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न बताए गए हैं। अगर व्यक्ति शास्त्र के मुताबिक रत्न धारण करता है तो उसे शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है।
सूर्य वैसे भी ग्रहों का राजा है और व्यक्ति के जीवन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रत्न शास्त्र में दिए गए उल्लेख के मुताबिक अगर सूर्य को मजबूत बनाने या फिर शुभ परिणाम प्राप्त करने हेतु व्यक्ति को माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। यह सभी रत्नों का राजा है और व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालने का काम करता है। चलिए आज आपको बताते हैं कि इस धारण करने से क्या लाभ होते हैं और इसे किस तरह से पहनना चाहिए।
कैसे करें धारण
माणिक्य को धारण करने का सबसे उत्तम दिन शुक्ल पक्ष का रविवार होता है। इसे दोपहर के समय शुभ मुहूर्त में धारण करना अच्छा माना जाता है। इस रत्न को अनामिका में पहनना काफी फलदायी है। ध्यान रखें इस रत्न की अंगूठी आपको सोने या तांबे में बनवानी चाहिए। यह गुलाबी या लाल रंग का पारदर्शी नजर आने वाला होना चाहिए।
कौन करे धारण
जिस तरह से हर व्यक्ति को सब कुछ पसंद नहीं होता ठीक उसी तरह से रत्न भी हर किसी को सूट नहीं होते। सभी लोगों को अपनी राशि और ग्रहों के अनुकूल रत्न धारण करने चाहिए। माणिक्य की बात करें तो मेष, सिंह और धनु लग्न के जातक इसे धारण कर सकते हैं। वहीं अगर कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के लोग इसे पहनते हैं तो उन्हें मध्यम परिणाम की प्राप्ति होती है।
रत्न से लाभ
जो लोग माणिक्य धारण करते हैं उन्हें सूर्य की मजबूत स्थिति से शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है। यह रत्न मान, सम्मान, यश, प्रतिष्ठा, व्यापार में लाभ और समृद्धि देने का काम करता है। कुंडली में यदि सूर्य की स्थिति अच्छी होती है तो यह सारी चीज व्यक्ति को खुद ही प्राप्त होती है लेकिन अगर आप सूर्य की स्थिति को सुधारना चाहते हैं तो इसे धारण कर सकते हैं।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।